मंगलवार, 29 जून 2010

तख्ता पलट दो ससुरों का, यहाँ जनता मर रही है,वहां स्वागत हो रहा है!!- ब्लॉग4वार्ता-शिवम् मिश्रा

प्रिय ब्लॉगर मित्रो
प्रणाम !

यह ब्लॉग वार्ता भी किसी नशे से कम नहीं ..............कल के बाद आज जितनी भी पोस्टे पढ़ी है यही लगा कि भाई यह तो अपनी वार्ता के लिए सटीक पोस्ट है ! तो लीजिये एक और ब्लॉग वार्ता पेश है ब्लॉग 4 वार्ता के मंच से | उम्मीद है इस बार भी आपको यह प्रयास पसंद आएगा !

आपका

शिवम् मिश्रा
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तख्ता पलट दो ससुरों का- राजीव तनेजा "... :- हम भी चले क्या या आप काफी हो अकेले ?

यहाँ जनता मर रही है,वहां स्वागत हो रहा है!! :- राम राम..... यह क्या हो रहा है ??

अपनों से अलगाव का दर्द - सतीश सक्सेना :- इस दर्द का अनुभव समझते है हम |

कटौती का जमाना है ....एक लाईना से काम चलाईये (कुछ पोस्ट लिंक्स ) :- यह हम नहीं कह रहे झा जी बोले है !

द्रोणाचार्य अऊर एकलव्य :- एक और बिहारी बाबु सलिल वर्मा जी बता रहे है सुन लीजिये !

275 साल बाद फिर हुआ महायुद्ध...खुशदीप :- लीजिये यह भी देखिये !

अब यह क्या चक्कर है जी???? :- राज भाटिया जी है परेशान !

वो तीन लोग :- जिन की परेड करवा रही है स्तुति पाण्डेय !


“मेरी बहुत पुरानी रचना” (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘‘मयंक’’) :- बढ़िया होगी जरूर !


१० 3.2 सिंगापुर: “सुभाषजी आ गये” :- इन से मिलना तो बेहद जरूरी है !


११ पंजाबी भाषा और कुछ बातें :- कुलवंत हैप्पी बता रहे है !


१२ पुराणों में श्लोक संख्या :- कितनी है बता सकते है आप .......नहीं तो इस को पढ़िए जनाब !


१३ जिन्हें नाज़ है हिंद पर वो कहाँ हैं ? :- जील पर दिव्या जी खोज रही है !

१४ मोबाइल इन्टरनेट अथवा यूएसबी मोडेम लेने से पहले ध्यान दें :- बहुत काम ही है यह जानकारी!

१५ शिक्षा का अधिकार :- जानिये आचार्य जी से !

१६ जीवन............ :- यह भी जानिये !

१७ लेखनी को आज ही कुदाल कीजिये.... :- अदा जी का आदेश है !

१८ आज अंजली सहाय, हिमांशु तथा मोहन वशिष्ठ का जनमदिन है :- बधाइयाँ जी बधाइयाँ !

१९ बिज्जू :- करवाएगा आपसे मानसिक हलचल!

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अब अंत में फिर अपनी डफली आप बजता हूँ और आप के लिए अपनी २ पोस्टो के लिंक दिए जाता हूँ !

२० अब क्या करोगे, राज भाई ?? :- है कोई जवाब ??

और

२१ इंतज़ार ...इंतज़ार ...इंतज़ार और इंतज़ार - 40 साल से अटका पड़ा है लोकपाल बिल :- आगे खुदा मालिक !


उम्मीद है आप यह ब्लॉग वार्ता भी पसंद आएगी ! जल्द ही मिलता हूँ एक और वार्ता के साथ ......तब तक के लिए

जय हिंद !

एक खुला पत्र- डरावनी फ़िल्म-टेलीफोन पर--ब्लॉग4वार्ता----ललित शर्मा

आज हमारे साथ वार्ता दल भाई शिवम् मिश्र जी जुड़े और उन्होंने पहली ब्लॉग वार्ता की. बहुत ही अच्छी और सधी हुयी थी. उन्होंने उम्दा लिंक दिये. हम उनका स्वागत करते हैं और वार्ता दल की तरफ से साधुवाद देते हैं. समय समय पर शिवम् मिश्रा जी वार्ता के लिए आते रहेंगे. अब मैं ललित शर्मा कुछ चिट्ठों के लिंक दे रहा हूँ. समय कम है..... चलाते हैं दो पटरी रेल की सवारी पर.....

आज राजकुमार सोनी की वैवाहिक वर्षगांठ है
बस यूँ मान कर चलिए यारों के ठाठ ही ठाठ हैं

नारद मुनि जी ने कहा ये भी खूब कही सरकार
अपना हाथ जगन्नाथ रोज बढाओ अपनी पगार

सुरेश शर्मा का धमाका पांच गुना और बढ़ेगी महंगाई 
अभी तो डीजल, पैट्रोल, गैस से ही छुट रही है रुलाई

शिखा जी कह रही हैं हम क्यों करते हैं उपवास
फलाहार शानदार मिले,उपवास के दिन है खास

अभिनय करना अर्थात एक जन्म मे दूसरे जन्म को जीना है
ये जीना भी क्या-कैसा जीना भैया महंगा हुआ रोज पीना है

सोनल जी ने कहा है कि है दिन हरजाई
एक रजाई बदन, तोडती एक अंगडाई

बखरी के तूमा नार बरोबर मन झुमरे
सुने हंव तोर ददरिया मोर मन झुमरे

एक छोटी सी डरावनी फ़िल्म
छोटी फिल्म में भरा बड़ा इल्म

एक खुला पत्र बादल जी के नाम 
है खुली चुनौती बादल जी के नाम

टेलीफोन पर भी प्रसारित हुआ समाचार
अविनाश जी जयपुर से आ गए हैं यार


वार्ता को देता हूँ विराम-आप सभी को ललित शर्मा का राम राम

सोमवार, 28 जून 2010

व्यर्थ वार्ताओं से क्या लाभ - ब्लॉग 4 वार्ता - शिवम् मिश्रा

प्रिय ब्लॉगर मित्रो
प्रणाम !

परसों ललित भाई से पहली बार बात हुयी और बातों बातों में ललित भाई ने ब्लॉग 4 वार्ता पर ब्लॉग चर्चा करने का निमंत्रण दिया | इस से पहले कभी भी ब्लॉग चर्चा करने के विषय पर सोचा ना था लेकिन ललित भाई का कहना टाल ना सका और आज आप के सामने हाज़िर हूँ अपने ब्लॉग जीवन की पहली ब्लॉग चर्चा के साथ | आप सब से अनुरोध है कि अगर कोई गलती हो तो बच्चे का पहला कदम मान नज़रंदाज़ करें !

आपका

शिवम् मिश्रा

तो साहब लीजिये आज की ब्लॉग चर्चा :-

सब से पहले ऐसे ब्लॉग जिन को पढना जरूरी है पर शायद आप अभी तक वहाँ नहीं पहुँचे !

नाज़-ए-हिन्द सुभाष :- नेता जी सुभाष चन्द्र बोस के जीवन पर आधारित एक ब्लॉग

हास्य मेव जयते :- स्व. ओम व्यास ‘ओम’ जी की कवितायेँ .......प्रस्तुति संजय व्यास

अब बात कुछ ख़ास पोस्टो की !

व्यर्थ वार्ताओं से क्या लाभ :- भारत - पाकिस्तान वार्ता पर |

जन-गणना (2011) में जाति का विरोध :-
द आर्ट ऑफ डाईंगआप किस शख्सीयत के मालिक है ...खुशदीप :- जवाब मांग रहे है खुशदीप भाई |

जीवन चलने का नाम :- बता रही हैं श्रीमती आशा जोगलेकर जी |

बड़ा ब्लोगर छोटा ब्लोगर :- आइये जानकारी लेते है जी.के. अवधिया जी से |

जयपुर ब्लोगर मिलन और मुलाकात अविनाश वाचस्पति परिवार से :- बता रहे है हरि शर्मा जी |

आइये मेले की तेयारी करे...(हमारे गांव का मेला) :- राज भाटिया जी बुला रहे है मेले में |

नवभारत टाइम्स मुंबई ने हिन्दी के अपमान करने का जैसे फ़ैसला ले लिया है ? :- नाराज़ है विवेक जी ......बात ही कुछ ऐसी है |

१० आगरा-जयपुर से दिल्‍ली वापसी : मेरा दिल तो लूट लिया आगरा-जयपुर के हिन्‍दी ब्‍लॉगरों ने (अविनाश वाचस्‍पति) :- FIR करवाई आपने ?

११ क्या यह दुनिया झूठ के दम पर चलती है :- यह सवाल नहीं कविता है राजकुमार ग्वालानी जी की |

१२ बाबा को याद करते हुए… :- कबाड़खाना... पर अशोक कुमार पाण्डेय याद करते है बाबा नागार्जुन को |

१३
क्या अमीर दाल-रोटी नहीं खाते :- है कोई जवाब आपके पास ? तो दीजिये संजीव शर्मा जी को |

१४ एक सवाल आप सब से ??????????? :- कुछ जवाब यहाँ भी चाहियें, टिप्पणी के जरियें...मांग रहे है शेखर कुमावत !

१५ योग की मुद्राओं और आसनों को अमेरिकी पेटेंट करा लिया गया उखाड़ो क्या उखाड़ लोगे :- ब्लॉगर बन-बन के मिले मुझको मिटाने वाले; मैने देखे हैं कई एसोशिएशन बदलने वाले! :- यह है सलीम खान जी की शिकायत |

१७ प्यार क्या है ? :- लो जी फिर एक सवाल अब की बार रंजना [रंजू भाटिया] जी की ओर से |

“नभ में काले बादल छाये!” (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक”) :- यह बदल बरस भी सकते है सो तैयारी से जाए |

१९ धन फॉर रन एंड रन फॉर फ़न :- अशोक चक्रधर कर रहे चकल्लस |

२० मंगलोर विमान दुर्घटना की वजह से "फ़र्जी पासपोर्ट रैकेट" का प्रभाव पुनः दिखाई दिया… :- महाजाल पर सुरेश चिपलूनकर बता रहे है |


अब बात करता हूँ ऐसे ब्लॉगर की जो मुझे बहुत पसंद है पर आजकल कुछ कम कम लिख रहे है !

नजरिया..... वाले श्री पवन कुमार सिंह :- पता चला है पवन भाई की तबियत कुछ नासाज़ है | मेरी बात हुयी थी तो बता रहे थे डाक्टर ने बेड रेस्ट बताया है ..... वैसे आजकल ट्रेनिंग पर है वही तबियत ख़राब हो गयी !

मेरी रचनाएँ !!!!!!!!!!!!!!!!! वाले श्री महफूज़ अली :- महफूज़ भाई भी ना जाने कहाँ है आजकल ......बात भी नहीं हो पायी बहुत दिनों से |

दिल की कलम से... वाले श्री दिलीप :- दिलीप जी आजकल कारणों से बेहद मसरूफ है एक तो नौकरी और दूसरा आजकल वह भारतीय इतिहास को पढ़ रहे है अपनी लेखनी में और धार लाने ले लिए !

सब से आखिर में अपनी डफली आप बजाता हूँ और अपने पोस्ट की लिंक दिए जाता हूँ !

बताइयेगा :-

भाई साहब गिफ्ट पसंद आया ?


फिर मुलाकात होगी तब तक के लिए

जय हिंद !

ब्लौगवाणी की मौत--हिजड़ों का गाँव---ब्लाग4वार्ता-----------ललित शर्मा

जो भी हुआ बहुत बूरा हुआ, हिन्दी चिट्ठा जगत के लिए तो अवश्य ही। ब्लागवाणी के वापस आने के कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन मैने अभी एक पोस्ट देखी जिसमें उसके न लौटने की बात कही गयी है।  वापस न लौटने के विषय में ब्लागवाणी के ब्लाग पर तो कुछ  नहीं कहा गया है, लेकिन कुछ समाचार प्राप्त हो  रहे हैं कि ब्लागवाणी वापस नहीं लौटेगी। अब मै ललित शर्मा आपको ले चलता हूँ आज की ब्लाग4वार्ता पर......

सबसे पहले चलते हैं मयखाना, जहां मुनीश जी कह रहे हैं कि कुत्ते को घी हज़म नहीं होता उर्फ़ ब्लौगवाणी की मौतजब एक दफ़े पहले ब्लौगवाणी ने पंख समेटे थे तब भी मैंने कहा था कि ये ब्लौगवाणी वाले मेरे रिश्तेदार नहीं मग़र इनका यूं जाना अच्छी बात नहीं ! संस्थापक भाई मैथिली के सुपुत्र सिरिल से आज फ़ोन पे हुई बातचीत के आधा...निकल पड़ा हूँ यात्रा पर, कहीं आपके शहर में तो नहीं पहुँच गया!? आज यह लगभग एक तरह की माईक्रो-पोस्ट ही होगी। पिछले कुछ सप्ताहों से, सड़क मार्ग द्वारा, *उत्तर-पश्चिम भारत भ्रमण* की योजना बन रही थी। जिसमें जबलपुर - इलाहाबाद - लखनऊ - नैनीताल - दिल्ली - अमृतसर - जयपुर - अह...

प्रथम ग्रासे मक्षिका पात:---यात्रा--1 19 तारीख को एक विवाह समारोह में शामिल होकर सुबह घर पहुंचा, 2 बजे नीरज का फ़ोन आया कि भैया घुमने चलते हैं। मैने कहा आ जाओ,चलते हैं। कहां जाना है यह निश्चित नहीं था। रात 9 बजे नीरज घर पहुंचा। साथ में विक्की ...तक़दीर तो उनकी भी होती है जिनके हाथ नहीं होते | तक़दीर के खेल में निराश नहीं होते , जिंदगी में कभी उदास नहीं होते हाथो की लकीरों पर यकीन मत करना , तक़दीर तो उनकी भी होती है जिनके हाथ नहीं होते | 

सागर में रहकर भी, प्यासे रह गये सागर में रहकर भी, प्यासे रह गये, खुशियों के ढेर में भी, उदास रह गये, मोम लिए बर्फ पर थे, फिर भी पिघल गये, ठंडा था दूध,फिर भी , ठन्डे दूध से जल गये, मृग मरीचिका मन का भ्रम है, फिर भी सोने का देखा हिरन, तो ...कंप्यूटर का ज्यादा इस्तेमाल करने वालो :सावधान ज्यादा देर तक कंप्यूटर काम करते समय यदि हम अपने बैठने का, माउस पकड़ने का तरीका व कि-बोर्ड का इस्तेमाल करने का सही तरीका नहीं अपनाते है तो Carpal Tunnel Syndrome नामक रोग के शिकार हो सकते है अतः इस रोग से ब...

आएश और आमश के लिए यह हँसते हैं तो पौ फूटती है...गर अश्क उभर आए इन पलकों पर तो शिराएँ शिथिल हो जाती हैं , यकबयक ! इनकी खूब याद आ रही है, इन दिनों हमसे दूर हैं.छुट्टियों में नानी के घर.पिछले वर्ष लिखी कुछ कविता-नुमा पंक्तिया...खुराफाती मीडिया मीडिया जिसका नाम है, वो है तो एक खुराफाती जीव ही.. चाहे वो भारत का हो या वहाँ से बाहर का. आज मैं बात करना चाहता हूँ यहाँ यू.के. की पत्रिकाओं के बारे में.. एक बात जो मुझे यहाँ की लगभग हर पत्रिका के साथ दिख...

अन्तराष्ट्रीय हिंदी ब्लॉग उत्सव-२०१० की पहली तैयारी बैठक संपन्न जैसा कि आप सभी को विदित है कि आगामी कुछ महीनों बाद लखनऊ में **अन्तराष्ट्रीय हिंदी ब्लॉग उत्सव** मनाने की तैयारी चल रही है और इसके क्रियान्वयन की दिशा में **ब्लोगोत्सव-२०१०** की टीम पूरीतरह कटिबद्ध है ।...तेरा ख्याल .......मैं हैरान थी ....रंगों ने पानी में कई सारी चूड़ियां सी बना रखी थीं ....मैंने छुआ तो हाथों को राह मिल गई ....ख्यालों ने रंगों की चूड़ियां पहनी और बदन खिल उठा ....मैंने ऊपर देखा ....सामने वही परिंदा था जिसे ...

साधो यह हिजड़ों का गाँव-१९ कल कबीर जयन्ती थी. मुझे कल ही यह सामग्री दे देनी थी. लेकिन कबीर गोष्ठी में चला गया. एक दिनविलम्ब से हाज़िर हूँ. महीनो पहले मैंने ''साधो यह हिजड़ों का गाँव'' नामक श्रंखला शुरू की थी. रोज...बड़ा मुश्किल होता है एक डॉक्टर के लिए मरीज़ का रिश्तेदार होना---सरकारी नौकरी का एक फायदा तो है कि आप जब चाहो , छुट्टियाँ ले सकते हो। हमने भी गर्मियों में बाहर जाने के ख्याल से १५ दिन का अर्जित अवकाश ले लिया । सोचा था कि इस बार कुछ दिन के लिए शिमला के पास चैल ही हो आते ...

इसलिए जनसंपर्क करता है दादागिरीछत्तीसगढ़ जनसंपर्क हो या इसकी सहयोगी माने जाने वाली संवाद हो भ्रष्टाचार की गंगा बहने लगी है। मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह के इस विभाग की करतूतों पर किताबें लिखी जा सकती है। संविदा नियुक्ति से लेकर विज्ञापनों में...कभी भारत का नक्शा ऐसा हुआ करता था चलते-चलते* *देश दो करेंसी एक* यद्यपि पाकिस्तान को 14th अगस्त, 1947 के दिन, अर्थात् भारत की स्वतंत्रता से एक दिन पूर्व, स्वतंत्रता प्राप्त हुई किन्तु करेंसी के मामले में...

एक गाँव मर रहा है .... पिछले दिनों मैं अपने पैतृक नगर वाराणसी गया हुआ था. वाराणसी में मेरा गाँव शहर से सटा हुआ वाराणसी स्टेशन से लगभग 3 किमी की दूरी पर है. हर बार जब भी मैं अपने गाँव से लौटता हूँ तो मन में वितृष्णा और विषाद ले...आज पूर्णिमा वर्मन का जनमदिन है आज, 27 जून को चोंच में आकाश, शुक्रवार चौपाल, चौपाल की कार्यशाला, एक आँगन धूप, साहित्य समाचार वालीं पूर्णिमा वर्मन का जनमदिन है। बधाई व शुभकामनाएँ *आने वाले **जनमदिन आदि की जानकारी, अपने ईमेल में प्राप्त...

सरहद से बंटने का दर्द...खुशदीप कल आप से वादा किया था कि आपको भारत-पाकिस्तान सरहद के कुछ अनछुए पहलुओं से रू-ब-रू कराऊंगा...63 साल पहले सरहद नाम की आभासी लकीर ने दोनों तरफ़ के इनसानों को बांटा और वो एक-दूसरे के लिए परदेसी हो गए...दोनों तर...ब्लॉगवाणी' विलुप्त हुई, लग नही रहा, हरा भरा सा'ब्लॉगवाणी' विलुप्त हुई, लग नही रहा, हरा भरा सा* आज कलम(मेरी कलम) कुंठित हुई , लिख न पा रहा, जरा सा. (2 ) ड्राइंग रूम में बैठ कर देखने लगा दूर दर्शन कार्यक्रम चल रहा था जिसमे बच्चों का नृत्य प्रदर...

आओ न तुम पुल के पार आओ ना तुम पुल के पार* * जैसे हर हर नदी से होकर* * आती छल छल धार !* *. आओ ना तुम पुल के पार! * *. नदी पार की उस पुलिया* * पर लहक रही है * *जैसे घास * *बैठो मेरे पास !* * आओ ना तुम वैसे ही * *जैसे म...भूल भुलैया – कविता – रवि कुमार औपचारिकताओं से लदा समय एक अंतहीन सी भूल भुलैया में उलझा है जहां दरअसल आगे बढना और ज्यादा उलझते जाना है तार्किकता से दूर गणित का सिर्फ़ यही बचता है हमारे मानसो...

प्यार - देह से देह तक की कहानी चंदन सा बदन, चंचल चितवन, धीरे से तेरा ये मुस्काना, मुझे दोष न देना जग वालो, हो जाऊँ अगर मैं दीवाना। इस गाने में प्यार का इजहार हो रहा है, लड़की के रूप रंग की बातें हैं परन्तु कहीं भी लडकी के गुणों की ...चोर चोरी से तो जाए .. पर हेराफेरी से न जाए !! बात उन दिनों की है , जब घर में मम्‍मी को सिलाई बुनाई करते देखते हुए इसे सीखने की इच्‍छा हुई। मैट्रिक की परिक्षाएं हो चुकी थी और मैं घर में बैठी थी। मम्‍मी चाहती थी कि कॉलेज जाने से पहले घर के कुछ काम काज ,...

मानसून की बीमारियां मानसून आने ही वाला है ,बल्कि देश के कुछ हिस्सों में आ भी चुका है. ये मौसम अपने साथ त्वचा की अनेक बीमारियों को लेकर आता है. इस मौसम में अनेक कीड़े-मकोड़े भी पैदा हो जाते हैं या यूं कह लीजिये कि अपने आवासों ...गाँव की सामान्य अर्थव्यवस्था - -एक ग्राम यात्रा पिछली पोस्टों घमौरियों ने तोड़ा अहंकार - एक ग्रामयात्रा, देवताओं को लोगों की सामूहिक शक्ति के आगे झुकना पड़ता है और **घूंघट में दूरबीन और हेण्डपम्प का शीतल जल **से आगे ....... * * *कोई दो सौ कदम चलने पर ...

हैदराबाद में होगा फैसला - ब्यूरो चीफ की दादागिरी ,शराब ने कराई किरकिरी भगवान ने जब हवा बनाई होगी तब सोचा होगा की इस हवा का इस्तेमाल लोग सही दिशा में करेंगे. पर आजकल हवा का इस्तेमाल कुछ और हो रहा है. अब मुफ्त की शराबखोरी ने हैदराबाद से जुड़े एक रीजनल चैनल के ब्यूरो को मुश्किल म... इस वर्ष किसानों को अवश्‍य राहत मिलनी चाहिए !!दो चार दिन पूर्व अंतर सोहिल जी की टिपपणी मिली थी , उन्‍होने पूछा था कि इस गर्मी से कब निजात मिलेगी। ज्‍योतिष सीखलाने का क्रम शुरू कर दिया था , इस कारण कोई नया पोस्‍ट नहीं लिख पा रही थी , इसलिए जबाब न दे सक...

अब लेते हैं विराम--आप सभी को ललित शर्मा का राम राम-----मिलते हैं एक ब्रेक के बाद

शनिवार, 26 जून 2010

अघोषित आपातकाल की ओर-जरा बूझिये-0--ब्लाग4वार्ता-------ललित शर्मा

नमस्कार, आज समय मिला तो ब्लाग नगरिया का भ्रमण हुआ, कुछ चिट्ठों को पढा, उनके लिंक आप तक पहुंचा रहा हूँ। चलिए आज की ब्लाग4वार्ता पर ललित शर्मा के साथ...............

आज राज भाटिया का जन्मदिन है आज, 26 जून को पराया देश तथा छोटी छोटी बातें वाले राज भाटिया का जन्मदिन है। इनका ईमेल आई डी rajbhatia007@gmail.com है। बधाई व शुभकामनाएँ *आने वाले **जनमदिन आदि की जानकारी, अपने ईमेल में प्राप्त करने के ल...टटोल के देखा था अन्दर कोई ज़िगर कोई गुर्दा हिला नहीं ......ख़यालों का आना-जाना था, किसी से किसी का सिला नहीं ख़ुद पर ही कभी रंज हुए और कभी किसी से गिला नहीं पत्तों का जब आग़ोश मिला, शबनमी नूर बस दमक उठा बदली में चाँद वो छुपा रहा, रौशन अब कोई काफ़िला नहीं तस्...

बनारस के बनारसी ...पिछले दिनों मैं दिल्ली से बाहर था. अपने गृहनगर वाराणसी जो गया हुआ था. वाराणसी कहते ही कुछ भारी भरकम सा शहर ज़ेहन में उभरता है, चलो वाराणसी न कहकर 'बनारस' या 'काशी' कह लेते हैं. कुछ स्मृतियाँ और चित्र सहे...जब भी कोरा कागज देखा जब भी कोरा कागज देखा , पत्र तुम्हें लिखना चाहा , लिखने के लिए स्याही न चुनी , आंसुओं में घुले काजल को चुना , जब वे भी जान न डाल पाए , मुझे पसंद नहीं आए , अजीब सा जुनून चढा , अपने खून से पत्र लिखा , यह केवल ...

मेरी जान !!..जरा बूझिये तो कौन है..?? ब्लॉग लिखते हुए एक वर्ष से भी ज्यादा का समय हो गया ...और अब तक आप लोगों से अपने सबसे ज्यादा अजीज साथी का परिचय नहीं करवाया ...रुष्ट होंगे ना आप लोग ...साथी ब्लॉगर्स से ऐसी पर्दादारी ....:) आज ठान ही लिया ...ताऊ पहेली - 80 प्रिय बहणों और भाईयों, भतिजो और भतीजियों सबको शनीवार सबेरे की घणी राम राम. ताऊ पहेली *अंक 80 *में मैं ताऊ रामपुरिया, सह आयोजक सु. अल्पना वर्मा के साथ आपका हार्दिक स्वागत करता हूं. जैसा कि आप जानते ही हैं क...

चम्पू का कारनामा बीज निगम में इकलौता प्रमोशन वह भी पूनम के भाई काइसे कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू का चौधराहट कहें या सत्ता की ताकत यह तो वही जाने लेकिन जब वे बीज विकास निगम के अध्यक्ष थे तब उन्होंने पूर्व मंत्री पूनम चंद्राकर...पीडीऍफ़ को बदलिए इमेज फाइल में एक टूल जिससे आप अपने पीडीऍफ़ फाइल को चित्रों के रूप में बदल पायेंगे । इसके प्रयोग से पासवर्ड प्रोटेक्टेड पीडीऍफ़ फाइल्स को भी चित्रों के रूप में बदला जा सकता है । सिर्फ तीन आसान चरणों में ये सॉफ्टवेयर का प्...

हाँ!…मैंने भी ‘बलात्कार' किया है -राजीव तनेजा हाँ!…मैंने भी *‘बलात्कार'* किया…किया है उसका …जो जगत जननी है …जीवन दायनी है…लाखों-करोड़ों की संगिनी है … खुद मेरी भी अपनी है … मैं ताकता हूँ हर उस ऊंचाई की तरफ…हर उस उपलब्धि की तरफ …जो मुझे खींच ले जाए ...माईकल जैक्सन की याद मेंमाईकल जैक्सन की याद में ..... दुःख से भरा , देखा जब चेहरा बोल उठे यमराज मत हो विकल , बेटा माईकल ! मरने के बाद , कौन सा दुःख सता रहा है तुझको सब पता है मुझको चल ! मिलवाता हूँ ऐसे एक बन्दे से आया ह...

वहुप्रतिक्षित परिकल्पना सम्मान की उद्घोषणा शीघ्रजैसा कि आप सभी को विदित है कि विगत १५ अप्रैल को परिकल्पना पर ब्लोगोत्सव-२०१० की भव्य शुरुआत हुई थी । उल्लेखनीय है कि पहली बार इंटरनेट पर इसप्रकार का अनोखा प्रयोग हुआ है और यह उत्सव हिंदी ब्लॉग जगत के लिए...हम सब अघोषित आपातकाल की ओर... अब पेट्रोल-डीजल और केरोसीन के दाम बढ़ गए। रसोई गैस भी महँगी हो गई। सरकार ने अपना रंग अब दिखाना शुरू कर दिया है। पहले भी यही कहा जाता रहा है कि कांग्रेस व्यापारियों की सरकार है, इसका ...

चम्बा और टिहरी गढ़वाल की सैर --- पिछले १५ सालों में पहली बार ऐसा हुआ कि परिस्थितियोंवश गर्मियों की छुट्टियों में पहाड़ों में जाने का प्रोग्राम नहीं बन पाया । इसलिए दो साल पहले टिहरी गढ़वाल के चम्बा कस्बे की सैर को याद कर , आइये आपको भी चम्...लम्बी जुदाई !!!! साढ़े तीन महीने के लम्बे ब्लॉग वियोग के बाद मौक़ा मिला है, की आज अपनी विरह व्यथा लिखी जाए! सचमुच बड़ी ही दुसह दुख:द और दुस्वार होती है ब्लॉग जुदाई! मायावी दुनिया की आपा धापी में ब्लॉग जगत के आत्मिक रस से...

घूंघट में दूरबीन और हेण्डपम्प का शीतल जल -एक ग्राम यात्रा पिछली पोस्टों घमौरियों ने तोड़ा अहंकार - एक ग्रामयात्रा और देवताओं को लोगों की सामूहिक शक्ति के आगे झुकना पड़ता है से आगे ....... * * *ग*णेश जी महाराज की जय! *जोरों का लगातार उद्घोष सुन कर मेरी झपकी टूट ...चलने का नाम ही जीवन है उसका बस अलख जगा बैठे चलने का नाम ही जीवन है " गैरों से उम्मीद नहीं थी, अपनो ने जख्म दिया मुझको । चाहत कैसी तलबगार की, नेह सुधा न मिला मुझको ।। सुख दुःख की आँख मिचौनी भी, शिरोधार्य किया मैंने । जीवन की हर सच्चाई से , साक्षात्...

चलते चलते आज का कार्टून




चर्चा को देते हैं विराम-सभी को ललित शर्मा का राम राम

बुधवार, 23 जून 2010

ब्लागिंग का शौक--जिद्दी ख्वाब-एक झलक तेरी--ब्लाग4वार्ता----------ललित शर्मा

आपको ललित शर्मा का नमस्कार, जम्मु एवं काश्मीर सरकार ने वैष्णो देवी एवं अमरनाथ यात्रा करने वाले श्रध्दालुओं पर प्रति वाहन प्रतिदिन 2000रुपए का टैक्स लगा दिया है, अगर आप वहां एक सप्ताह तक रुकते हैं तो लगभग आपको 20,000रुपए का अतिरिक्त खर्च पड़ेगा। इसलिए अब यहां की यात्रा मंहगी होने वाली है। ऐसा भारत के किसी भी तीर्थ पर नहीं है। इसका पुरजोर विरोध होना चाहिए। जम्मु काश्मीर सरकार के तुगलगी फ़ैसले की पुरजोर मजम्मत करनी करनी चाहिए, अब मै आपको वार्ता पर ले चलता हूँ...और चलते हैं कुछ उम्दा चिट्ठों की यात्रा पर ...................एक बात कहना तो भूल ही रहा था कि ब्लाग4वार्ता पहला चर्चा मंच है जो कि प्रिंट मीडिया पर भी उपलब्ध है। यहां स्थान पाए चिट्ठों की चर्चा प्रति सप्ताह बुलंद छत्तीसगढ पर भी हो रही है.........

एंडरसन बडा बेशर्म है: दिल्ली से योगेश गुलाटी आज से 25 साल पहले 65 साल के एंडरसन को पूरे राजकीय सम्मान के साथ प्लेन में बैठा कर अमेरिका रवाना करते वक्त हमारी सरकार ने शायद यही सोचा होगा कि जब तक हमारी अदालत गैस कांड का फैसला सुनाएगी तब तक बूढा एंडरसन स्...इंकलाब री आंधी(राजस्थानी कवि रेवतदान की एक शानदार रचना) आज किताबें पलटते हुए मनीष सिंघवी की लिखी पुस्तक "धरती धोरां री"हाथ लगी पन्ने पलटने पर इस पुस्तक मे एक से बढकर एक राजस्थानी कविताएं पढने को मिली | इन्ही कविताओं में एक कविता 'इन्कलाब री आंधी ' जो राजस्थान क...

वो बड़े खुशनसीब होते हैं , जिनके आप जैसे दोस्त होते हैं --- सन १९७७ का जून महीना । दिल्ली के सात भावी डॉक्टर शिमला घूमने गए । अपना तो यह पहला अवसर था जब हमने दिल्ली से बाहर कदम रखा था । यहीं पैदा हुए , पले बढे , पढ़े । कोई रिश्तेदार भी दिल्ली से बाहर नहीं । आखिर दोस...अबकी बार गाँव जाने पर जब बिच्छू ने मुझे डंक मारा..........सतीश पंचम इस बार गाँव जाने पर मुझे एक बिच्छू ने डंक मार दिया....सनसनाता....फनफनाता डंक......। बिच्छू का डंक क्या होता है यह पहली बार जाना....पहली बार उस दर्द को महसूस किया और उस छटपटाहट से गुजरा। हुआ ...

ब्लॉगिंग का बुखार, दिल पे मत ले यार...खुशदीप क्या कहा नापसंद का चटका लगाना है...अरे कहां लगाऊं...ये चिट्ठा जगत, इंडली, ब्लॉग प्रहरी वालों ने ऑप्शन ही नहीं छोड़ रखा...यार ये तो अपुन को कहीं का नहीं छोड़ेंगे...एक वही उस्तरा तो हमारे हाथ लगा था, वो भी ...अगर यही आपके साथ हो तो क्या करेंगे आप ....?? अगर यही आपके साथ हो तो क्या करेंगे आप ....?? गुजरात के भुवा गांव के लोग रविवार, 20 जून को उस वक्त सकते में आ गए, जब शेर व्यस्त रहने वाली सड़क पर आ गया। गिर अभयारण्य से सटे इस गांव के लोगों के लिए यह एक अ...
 
एक झलक तेरी चूड़ियों की खनक , महंदी की महक , पैरों से पायल की छन छन, मन मैं मिश्री घोल रही , एक झलक पाने को तेरी , मन की कोयल बोल रही | मीठी मधुर हंसी तेरी , घूंघट से झांकती चितवन तेरी , क्यू बार बार खींचलातीमुझको , तेर...उनका ज़िक्र करना गाली देने समान है उदार बन, खुशमिज़ाज़ बन, क्षमावान बन, जिस तरह कि कुदरती मेहरबानियाँ तुझ पर बरसती हैं, तू औरों पर बरसा । -शेख सादी किसी आदमी को उसके प्रति की गई मेहरबानी की याद दिलाना और उनका ज़िक्र करना गाली ...
 
ब्लागवाणी बंद-ब्लागर तंग ब्लागवाणी पर न जाने क्यों कर 18 जून से ताला लग गया है। हम ज्यादा ब्लाग देख नहीं पाते हैं ऐसे में हमें इसका ठीक-ठीक कारण मालूम नहीं है। लेकिन हम इतना जरूर जानते हैं कि ब्लागवाणी के बंद होने से ब्लागर जरूर त...बंद होना ब्लोगवाणी का और खुश तथा मायूस होना अलग-अलग लोगों का सीता की दुविधा ....." पोस्ट पर ब्लोगवाणी का अटके रहने का आज चौथा दिन है। पहले दिन तो हमने यही अनुमान लगाया कि शायद ब्लोगवाणी का रख-रखाव होने के कारण ऐसा है। फिर जब दूसरे दिन भी हालत नहीं बदली तो सोचने लगे...
 
मेरी "गंगा माँ" को बचा लो प्लीज मेरी ममतामयी माँ की जान संकट में है. वह तिल -तिलकर मर रही है और मैं ऐसा अभागा बेटा हूँ जो चाहकर भी कुछ नहीं कर सकता. दरअसल मेरी माँ की इस हालत के लिए सिर्फ मैं ही नहीं बल्कि आप सभी ज़िम्मेदार हैं. आप में ...गरीब देश के करोड़पति सांसद!  राज्यसभा में पहुँचने वाले 49 नए सांसदों में 38 करोड़पति हैं। महिला आरक्षण की बात करने वाले तमाम दल की बातें बेमानी निकलीं, क्योंकि राज्यसभा में केवल तीन महिलाएँ ही पहुँच पाई हैं। सबसे आश्च... 
 
कौमी एकता और तवायफ वो तवायफ कई मर्दों को पहचानती है शायद इसीलिये दुनिया को ज्यादा जानती है उसके कमरे में हर म$जहब के भगवान की एक-एक तस्वीर लटकी है ये तस्वीरें लीडरों की तकरीरों की तरह नुमाइशी नहीं उसका दरवाजा रात गए तक हिंदू...विरोधी समूह के द्वारा प्रशंसा और सम्‍मान .. इससे बडा सुख क्‍या हो सकता है ??अपने तो हमेशा प्रशंसक होते हैं , इसलिए उसकी प्रशंसा आपको उतना सुख नहीं दे सकती , जितना एक विरोधी के द्वारा आपकी प्रशंसा किए जाने पर होता है। एक विरोधी के द्वारा प्रशंसा किए जाने का अर्थ है कि आप सही राह चल...
 
जिद्दी ख्वाब ख्वाब हैं कि एक जिद्दी बच्चा , जितना मना करो उतने ही आ जाते हैं इन्हें नींद की भी दरकार नहीं खुली आँखों में ही समा जाते हैं...ब्लागिंग का शौक (पार्ट - १)बी" कंपनी का बॉस ... टी.व्ही. देखते देखते भडक उठा ... ये "गोली" इधर आ ... हां बॉस ... ये ब्लागिंग क्या है ... कोई नया गेंग बनेला है क्या बॉस ... अबे घोंचू ... बुला सबको जितने हाजिर हैं ... हां बॉस ... गें...अर्जुन के पेंतरे से घबराई कांग्रेस अंततः अर्जुन ने चला ही दिया ब्रम्हास्त्र* *भोपाल गैस कांड के वक्त मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे कुंवर अर्जुन सिह जो कि पिछले दो सालों से निर्वासित जीवन जी रहे ...
 
मेरा पिघलना अभी बाकी है.... ये कविता * *यहाँ** * *जब मैंने पढ़ी तो जो ख्याल मन में आये वो ये थे....* *मेरा पिघलना अभी बाकी है,* ** *तो भला क्या समझूंगा* *यूँ नदी की तरह बहने की बाते,* *भांप बन बन कर उड़ने की बाते,* *बर्फ से बादल होने क... बस मेरा है!!!सन्‍तुष्‍टता और खुशी साथ-साथ रहते हैं। हम जो हमें मिला है उससे कितने संतुष्ट रहते हैं? यह बात निर्विवाद सत्य है कि संतुष्टि ही हमें सच्ची प्रसन्नता देती है।...
 
चलते चलते आज का कार्टून

दस से अभी भी उम्मीद !!!!!!!!! !!!!!!!!!!!! 
 मस्तान सिंग  MASTAN TOONS - पर
अब देते हैं वार्ता को विराम --- आप सभी को ललित शर्मा का राम-राम

मंगलवार, 22 जून 2010

स्वर्ग-नर्क का फ़र्क, लिजलिजी व्यवस्था,यह कैसी गुस्ताखी ...? ब्लाग4वार्ता----ललित शर्मा

ब्लॉग4वार्ता ने एक शतक पूर्ण कर लिया, यह ब्लाग वार्ता की समर्पित टीम से संभव हुआ है। मै भी अकेला इन झंझावातों से कहां तक जुझता? लेकिन ब्लाग वार्ता टीम ने समर्पण से चर्चा का कार्य किया। जिस समय मैने ब्लाग लेखन बंद कर दिया था उस समय राजकुमार ग्वालानी जी ने लगभग एक माह चर्चा करके इसे जिंदा रखा। हम उन्हे साधुवाद देते हैं, जिनके पास ऐसे समर्पित साथी हों वहां निरंतर चर्चा होते रहेगी ऐसी आशा है। ब्लागवाणी बंद हो गयी है, इस समय चर्चा मंच का कार्य और भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि पाठकों को उम्दा चिट्ठों के लिंक उपलब्ध कराए। कुछ समय पूर्व चर्चा के दूसरे मंचों पर कुछ कमेंट आए थे कि चिट्ठों का लिंक देने का कार्य तो ब्लागवाणी भी करती है ऐसे में इन चर्चाओं का क्या औचित्य है? जब एग्रीगेटर हड़ताल पर हो तो चर्चाओं का औचित्य सबकी समझ में आता है। कुछ मित्रों ने मुझे फ़ोन करके ज्यादा से ज्यादा लिंक देने का आग्रह किया है। जहां तक संभव हो सके मैं उनसे किया गया वादा निभाने की कोशिस करुंगा। अब मै ललित शर्मा आपको ले चलता हुँ आज की ब्लाग4वार्ता पर.................

सबसे पहले चिट्ठा लेते हैं प्रेमरस..दिल्ली ब्लॉगर्स सम्मेलन: मेरी नज़र से दिल्ली और बाहर से आए हुए ब्लॉगर्स के मिलन से शुरू हुए दिल्ली ब्लॉगर्स सम्मेलन का अंत एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण मोड पर समाप्त हुआ। जहां सारे ब्लॉगर्स श्री अविनाश वाचस्पति और श्री जय कुमार झा की इस राय पर एक म..दिल्ली की ब्लॉगर्स मीट, ब्लॉग जगत में छा गई! - Kavita दिल्ली की ब्लॉगर्स मीट* *ब्लॉगर सम्मलेन की हर बात निराली है, मैं रात भर ख्वाब में भी वहीं था, पत्नी बोली...... उठो सुबह होने वाली है. सुबह कार्यालय जाना था, वर्ना सम्मलेन में ही खोया रहता, सम्मलेन का ..

यह कैसी गुस्ताखी ...? रचना को चोरी करते तो सुना था लेकिन कोई रचना को अपने ढंग से सुधारकर यह कहे कि भाइयों वैसा नहीं ऐसा लिखा जाना चाहिए तो इसे आप क्या कहेंगे। देश के प्रसिद्ध कवि एवं ब्लागजगत के हरदिल अजीज रूपचंद शास्त्री के स...ब्लाग जगत पर देव बाबा की सौवी पोस्ट :-) बोलो देव बाबा की जयलाईव रिपोर्ट :- वाराणसी-सूरत एक्सप्रेस* *(बारात इस ट्रेन से भुसावल उतरेगी, फ़िर औरंगाबाद के लिए सडक मार्ग से जाना होगा)* * * यार शादी के दिन दुल्हा किसी कठपुतली से कम थोडे ही होता है, कोई कहेगा उठो.. कोई ...

बहुत याद आते हैं बाबूजी बहुत याद आती है कच्चे बांस की पतली छड़ी और अपनी पीठ पर उधडे उनके निशान जब अपने बेटे को ईडिएट बाक्स के आगे से उठाने में रहता हूँ असफल अनुशासन की पहली सीख उसी छड़ी ने थी सिखाई और आज भी साथ है पिताजी के नहीं रहन... घुरुवा के दिन घलो बहुरथे घुरुवा के दिन घलो बहुरथे * ऊपर दिखत हे तउन फ़ोटू माँ दू ठन हा "घुरुवा" के आय अउ एक ठन हा अइसे बस्ती के, जेन ला "घुरुवा" च केहे जा सकथे. हमन देखे होबो अउ अनुभव घलो करे होबो के गाँव मा "घुरुवा" के का मह...

क्या तुम मेरी बैसाखी बनोगी भावुकता से भरा हुआ मैं , अपनी सुधबुध खो बैठा , आगा पीछा कुछ न देखा , जीवन संग्राम में कूद पड़ा , मेरे आहत मन की पीड़ा की , क्या तुम गवाह बन पाओगी , मेरी उखड़ी सांसों का , कैसे हिसाब रख पाओगी | जीवन का सफर काँटो... जरा सा बखान, कुछ तस्वीरें और एक लघु कथा पारिवारिक व्यस्तताओं के बीच नेट पर आना न के बराबर चल रहा है और इस बीच देख रहा हूँ कि ब्लॉगवाणी भी किन्हीं तकनिकी समस्यायों के तहत नई पोस्ट नहीं दिखा रहा है. आज हालांकि एक नई पोस्ट लगाने का मन था किन्तु...

वफ़ा के नाम पर तुम क्यों संभल कर बैठ गए.... नीतीश के बहाने * *माँ* जैसी कालजयी कृती के रचयिता *गोर्की* अक्सर कहा करते थे ,*मित्रता ऐसी करनी चाहिए जो आगे चलकर बाधक न बने*.लेकिन बहुधा लोग भूल जाते हैं.अब देखिये न राज्यसभा के लिए संपन्न कुछ सदस्यों.. .अपने पिता के योगदान को विस्मृत न करेंअंतर्राष्ट्रीय पिता दिवस पर विशेष ------------- ----------------------- **अपने पिता को विस्मृत न करें * *दिव्या गुप्ता जैन ----------------- ------- * ** * माता-पिता का किसी भी व्यक्ति के जीवन में क्या महत...

चटकों का एक सच ये भी है। *चटकों का एक सच ये भी है* अज मुझे अपनी कहानी बीच मे छोद कर ये पोस्ट डालनी पडी। जो मेरी आत्मा को कई दिन से मथ रही थी। जब से मुझे अपनी गलती का एहसास हुया तब से। मगर इस गलती को मै एक ही पोस्ट मे कई बार नही क...जब तक ब्लॉगवाणी कॉमा में है, स्वर्ग-नर्क का फ़र्क समझिए...खुशदीपब्लॉगवाणी* कॉमा में है, सीता जी की दुविधा को लेकर ऐसी अटकी है कि सुलझने का नाम ही नहीं ले रही है...डॉक्टर भी नहीं बता पा रहे हैं कि आखिर मर्ज़ क्या है...चलो देर-सबेर डायग्नोस हो ही जाएगा...फिलहाल तो चिट्ठ...

जरूरी थोड़े ही है कि हर कोई मुझे पढ़ेमैं लिखता हूँ क्योंकि मेरा ब्लोग है। अब जब लिखता हूँ तो मेरी अपेक्षा भी यही रहती है कि अधिक से अधिक लोग मुझे पढ़ें। पर क्या यह जरूरी है कि हर कोई मुझे पढ़े? मेरे विचार से तो यह बिल्कुल ही जरूरी नहीं है क्यों...एंडरसन को लिजलिजी व्यवस्था ने भगाया एंडरसन तो भोपाल में 15 हजार हत्याएँ करके 25 वर्ष पहले ही भाग गया। लोग बेवजह ही आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। हर कोई अपने को बचाना चाहता है। हर कोई दूसरे को दागदार बनाना चाहता है। बचाने और ..

श्रीमद् भागवत गीता का अपमान! ठाकुर की ठकुराई या मूणत की मुर्खताई स्व. ठाकुर विघ्नहरण सिंह की तस्वीर वाली गीता वितरित इसे सत्ता का दंभ कहें या व्यवस्था की मुर्खता लेकिन डॉ. रमन सिंह के पिताजी के तेरहवीं कार्यक्रम में जिस तरह से हिन्दुओं...रात में सूरज को तरसता हूँ,दिन में धुप से तड़पता हूँ! गत मई मास की हिन्दी युग्म प्रतियोगिता में हिस्सा लेने का मुझे भी अवसर मिला!इसमें मेरी निम्न कविता त्रितय स्थान तक के सफ़र को पूरा कर के आई है!वैसे तो हिन्दी युग्म ने इसे प्रकाशित कर दिया था,पर मुझे लगा कि...

मत कहना,हर शहर में एक बदनाम औरत है!यह लेख सबलोक(संपादक-किशन कालजयी) पत्रिका में छपा है। पाठको को पसंद आ रहा है...खूब सकारात्मक प्रतिक्रियाएं आ रही हैं...कि बिना वैचारिक बोझ और भाषाई आडंबर के कथ्य स्पष्ट है...सोचा आप दोस्तो को भी पढा दूं... -ग...गरमी की भीषणता के बीच एक रात और दिनगर्मी का भीषण प्रकोप चल रहा है। सोचा था इस बार बरसात जल्दी आ जाएगी। पर मौसम का अनुमान है कि अभी एक सप्ताह और लगेगा। पारा फिर से 48 के नजदीक पहुँच रहा है। कल रात सोने के भी लाले पड़ गए। कूलर बिलकुल असफल हो...

जन जन तक ज्‍योतिष के ज्ञान को पहुंचाने का प्रयास - 7 पिछले आलेख में हमने जाना कि पृथ्‍वी की घूर्णन गति के फलस्‍वरूप सूर्य 24 घंटों में एक बार आसमान के चारो ओर घूमता नजर आता है। इस कारण सूर्य की स्थिति को देखते हुए किसी भी लग्‍नकुंडली के द्वारा बच्‍चे के जन्‍...महिला पार्षद के साथ अमानवीय मारपीटमहिला पार्षद के साथ अमानवीय मारपीट चित्तौड़गढ़ नगर पालिका की महिला पार्षद रविना लढ़ा के साथ मारपीट करने की घटना राजस्थान की राजनीति में बाहुबल की बढती भूमिका का संकेत है। मारपीट करने वाले आरोपी के विरूद...


चलते चलते एक कार्टून बाय मस्तान सिंग



  बाकि कुच्छ बच्या ते गर्मी मार गई ....


ब्लागवार्ता को देते है विराम--आप सभी को ललित शर्मा का राम राम---मिलते हैं ब्रेक के बाद

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