सोमवार, 31 दिसंबर 2012

चला-चली की वेला में कुछ यादें ...........ब्लॉग4वार्ता ....... ललित शर्मा

ललित शर्मा का नमस्कार, वर्ष 2012 का अंतिम दिन आ चुका है और दरवाजे पर 2013 ताल ठोंक रहा है। बीते वर्ष की खट्टी-मिट्ठी यादें साथ थी पर जाते-जाते यह कड़ुवी यादें भी दे गया। दिल्ली की दुर्घटना इसी के खाते में गिनी जाएगी। मीठी यादें मित्र मिलन की, खट्टी यादें बिछड़न की। बस यही चलता रहता है दुनिया में। ब्लॉग जगत में बहुत कुछ लिखा गया इस वर्ष। कुछ ब्लॉगर साथियों को हमने खोया भी तो कुछ नए साथियों ने भी ब्लॉग जगत में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस वर्ष का परिकल्पना सम्मान भी यादगार रहा। खास कर ब्लॉग जगत में वह रौनक नहीं रही जो दो वर्ष पूर्व रहती थी। धुंरधर कहाने वालों के टेंट उखड़ गए और कैंप फ़ेसबुक पर शिफ़्ट हो गए। इस वर्ष ब्लॉग4वार्ता पर 319 पोस्ट प्रकाशित हुई। अर्थात कुछ दिनों को छोड़ दें तो वार्ता की  निरंतरता बनी रही। 10 हजार टिप्पणियों का आंकड़ा भी वार्ता ने पार किया।
भूली बिसरी यादें (पहचान लीजिये)

जब चिट्ठों की चर्चा करने में मेरे पास समय एवं साधन की कभी थी तब निरंतर वार्ता लिखने का उल्लेखनीय कार्य संध्या शर्मा जी ने किया, वे साधुवाद की पात्र हैं, एवं वार्तादल के सभी मित्रों का हार्दिक अभिनंदन है। वार्ता के प्रारंभ से जुड़ी हुई संगीतापुरी जी एकमात्र ऐसी साथी हैं जो मेरे साथ वार्ता पर अभी तक कायम हैं। उनका साथ एवं संबंल नहीं होता तो शायद वार्ता को बीच में विराम लेना पड़ता। संगीता स्वरुप जी की उपरस्थिति भी वार्ता पर लगातार बनी हुई है चर्चाकार एवं पाठक के रुप में। गिरिश बिल्लौरे जी दंडक अरण्य में होने के कारण वार्ता से विमुख हैं और केवल राम जी का शोध प्रबंध वार्ता में बाधा है। विश्वास है कि वार्ता अहर्निश जारी रहेगी। यहाँ जितने वार्ताकार हैं सभी सक्षम है। तभी हम 2012 में 319 पोस्ट के आंकड़े तक पहुचने में सफ़ल हुए। सभी पाठकों को ढेर सारी शुभकामनाएं।
ललित शर्मा,  आदित्य सिंह, सत्येन्द्र शर्मा, संध्या शर्मा 

अकलतरा में बाबुसाहब(रमाकांत सिंह) से मुलाकात के पश्चात नागपुर में आयोजित सम्मान समारोह में अंजु चौधरी जी एवं डॉ अनिता कपुर से मुलाकात हुई। इसके पश्चात भोपाल सेमिनार में अगस्त में ब्लॉग जगत के धुंरधरों से मुलाकात हुई, सुरेश चिपलुनकर, शिखा वार्ष्नेय, चंडीदत्त शुक्ला, अनिल सौमित्र, लोकेन्द्र सिंह, लखेश चंद्रवंशी, संजीव सिन्हा, जयराम विपल्व, डॉ महेश परिमल, संजय बेगानी, पंकज झा, हर्षवर्धन त्रिपाठी, रवि रतलामी जी सहित अन्य ब्लॉगर एवं पत्रकार मित्रों से भेंट हुई। इस अवसर पर शिखा ने स्मृतियों में रुस की एक प्रति भेंट की। वर्ष भर दिल्ली दूर रही, लेकिन वर्षांत तक रतनसिंह जी के साथ भानगढ की यात्रा के पश्चात दिल्ली पहुंच ही गए जहाँ पीके शर्मा जी से ही भेंट हुई।
डॉ अनीता कपूर, संध्या शर्मा, ललित शर्मा, अंजू चौधरी नागपुर में 

2012 में हमारे साथ एक उपलब्धि भी जुड़ी। संज्ञा टंडन जी के साथ हमने सीजी रेडियो प्रारंभ किया। अभी यह प्रारंभिक अवस्था में है। कुछ दिनों के पश्चात इसे वास्तविक स्वरुप प्राप्त होगा तथा कार्यक्रम 24x7 दिन चला करेंगे। ओनलाईन रेडियो चलाना भी श्रम साध्य कार्य है। इसके कार्यक्रम की उम्र भी ब्लॉग पोस्ट के इतनी ही है। अधिक से 24 घंटे और फ़िर इसके पश्चात अगले कार्यक्रम की आवश्यकता हो जाती है। सीजी रेडियो से वैश्विक तौर पर हिन्दी प्रेमी जुड़ रहे हैं। हम इसे छत्तीसगढ से संचालित कर रहे हैं इसलिए सीजी रेडियो नाम का चयन किया गया। मांग होने पर अन्य भाषाओं के कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए जा सकते हैं। प्रथमत: छत्तीसगढी के साथ बुंदेलखंडी को जोड़ने की मांग आ रही है। शीघ्र ही देशज भाषाओं के कार्यक्रमों को महत्व दिया जाएगा।
जाट देवता, जाट राम, संगीता पूरी, केवल राम, ललित शर्मा, अल्पना 

वर्षांत आते-आते जबलैपुर में फ़ुरसतिया संग मुलाकात हुई। गिरीश बिल्लौरे ब्लॉगर संकलन कर्ता थे, विजय तिवारी, बवाल भाई, विजय श्रीवास्तव जी, संध्या शर्मा जी, सत्येन्द्र शर्मा जी, बबलु संग जबलैपुर का आनंद लिया। त्रिपुर सुंदरी माता के दर्शन कर धन्य हुए। जबलपुर से लौटने के पश्चात कुछ फ़ेसबुक मित्रों से सरगुजा में भेंट हुई। इस तरह वर्ष 2012 बीत गया। जिन मित्रों ने प्रत्यक्ष या परोक्ष रुप से सहयोग दिया और अपनी संवेदनाएं  हमारे साथ रखी। उनका हम हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं एवं धन्यवाद देते हैं। आगे भी इसी तरह के सहयोग की अपेक्षा करते हैं। साथ ही निवेदन है कि अपनी रचनाएं सीजी रेडियो के लिए भेजें। सीजी रेडियो के योग्य पाए जाने पर उनका प्रसारण किया जाएगा। 

रविवार, 30 दिसंबर 2012

काला शनिवार .. हम रहे इंसान कितना .. ब्‍लॉग4वार्ता .. संगीता पुरी

आप सबों को संगीता पुरी का नमस्‍कार ,सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में दम तोड़ने वाली दिल्ली दुष्कर्म पीड़िता के शव को लेकर विशेष विमान भारत के लिए रवाना हो चुका है। शव वाहन से उसके शव को हवाई अड्डा लाया गया, जहां से एयर इंडिया के एक चार्टर्ड विमान से शव को भारत लाया जा रहा है। इलाज के लिए 23 साल की लड़की को भारत से यहां लाया गया था। डॉक्टरों की कड़ी मेहनत के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका और शनिवार तड़के 2 बजकर 15 मिनट पर उसकी मौत हो गई। इस घटना से पूरे भारतवर्ष में शोक की लहर है , ब्‍लोगरों ने आज भी इस विषय पर लिखना जारी रखा है .....

काला शनिवार - आज इस साल ने जाते जाते, मुँह पे कालिख सी पोत डाली है. सर झुकाए हैं, शर्मसार हैं हम!! मुझे माफ़ करना कि मैं खुश हूँ तुम्हारे चले जाने से... - *पिछले बारह दिन अजीब से थे, दुःख अफ़सोस, गुस्सा... बस यूँ ही लिखता रहा फेसबुक पर, कुछ शब्दों को यहाँ सहेज कर रख ले रहा हूँ ताकि ताउम्र याद रहे ये आज का काल...ख़ामोशी की गूँज ऐसी होनी चाहिए - क्या कहूं सत्ता बीमार है या मानसिकता इंसानियत मर गयी या शर्मसार है मौत तो आनी है इक दिन मगर मौत से पहले हुयी मौत से कौन कौन शर्मसार है ? क्योंकि न इ...' नारी ' होने की सजा - [image: nasreen_victim_honor_killing.jpg] वेदना की सीमाओं से परे एक दबी चीख सुनी क्या ' निर्भया ' खामोश है अब क्या कहे ? कह चुकी सब यातनाओं से परे ...

बस ये आक्रोश....ये संवेदनशीलता जाया न होने पाए - हमारा देश आक्रोश, अविश्वास, बेबसी की आंच से सुलग रहा है। व्यवस्था के प्रति ये क्रोध हर तबके के लोगों में है पर युवाओं में ज्यादा मुखर है। सही भी है, द...दामिनी कि मौत समाज और सरकारों को शर्मसार करने के लिए काफी होनी चाहिए !! - कई दिनों से मौत से लड़ाई लड़ने के बाद आखिर जीने की इच्छा दिल में लिए दामिनी इस दुनिया से रुखसत हो गयी लेकिन उसकी मौत समाज और सरकारों के सामने सवाल छोड़ गयी...एक बेटी के जाने के बाद - साहसी बेटी के जाने के बाद अब सरकार की आलोचना करना वक्त बर्बाद करना है। वैसे भी आलोचना उसकी की जाती है जिसमें सुधरने की संभावना हो। सरकारें आसमान से नहीं आत...वधाई तुम्हे देशवासियों ! - *देखने में आया है कि * * दामिनी पर हुए जुल्म * *और उसकी मौत पर * *आंसू बहाने ही सही * *किन्तु शर्म इस देश में * *पुन: लौट आई है। * *बस, अब इतनी सी * * गुजा...'दामिनी' - 'दामिनी' 'तुम' चली गयी, जाना ही था तुम्हे, रुक भी जाती तो क्या? कहाँ जी पाती 'तुम' अपनी जिंदगी 'फिर से' , कहाँ से लाती जीने की वही चाह, वही उमंग, और...

# चिता की आग # - तुझको अग्नि के हवाले कर के .... मैं जड़- सी हो गई हूँ ..... कभी अपनी छाती का लहू पिलाया था मैने .. तेरी वो नटखट आँखें .. वो चेहरे का भोलापन . वो प्या...प्रीतनिया.... संध्या शर्मा -गीत नया क्या गाऊं साथी छेड़ूँ क्या वीणा पर तान क्रंदन उर की हर धडकन में पीड़ा होती प्रबल महान छूटी लय,ताल बिखरी है बिसरा सकल सुरों का भान मेरे मन के राग...मोमबत्तियाँ न जलाएं..खुद बने मशाल - 13 दिनों के कष्ट को सहने के बाद अन्ततः उस पीड़ित लड़की को सभी कष्टों से मुक्ति मिल गई। आज इस दुखद समाचार को सुनकर देशव्यापी शोक की लहर है। राजनेत...देश के ‘‘लोकतंत्र’’ में क्या ‘‘राजनीतिक तंत्र’’ ‘‘अप्रासंगिक’’ हो गया है? -*राजीव खण्डेलवाल:* Photo from:freethoughtblogs.com हमारा देश भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है जहां लोकतंत्र को मजबू...

दामिनी के नाम - दामिनी ! तुम नेपथ्य में चली गयी, करोड़ों आँखों को नम कर गयी. देखो, मरना तो एक दिन सभी को है मगर जिस तरह तुमको जाना पड़ा उस पर पूरा देश शर्मिन्दा और घायल..." रह गयीं अब दुनिया में " नाम " की खुशियाँ , तेरे मेरे किस " काम " की खुशियाँ.....?? - * प्यारे दोस्तों,नमस्कार! आज मैं बहुत उदास हूँ !! जिंदगी साथ छोड़ गयी, मौत ने गले लगा लिया उसको , जो " जीना " चाहती थी !! लेकिन प्रश्न ये उठता है कि...खुद को आज़माने का... -हमारे दामनों पर खून के छींटे बहुत से हैं... है आया वक़्त अब अपने ज़मीरों को जगाने का... ये माँ का दूध, राखी हर बहन की हो नहीं ज़ाया... ये मौका है खुदी से आज...हम रहे इन्सान कितना......- हम रहे इन्सान कितना, कह नहीं सकते- गिर सकता है इन्सान कितना, कह नहीं सकते- मिट गयी है लक्षमण रेखा कायम कबूल थी बिक सकता है ईमान कितना, कह नह...

स्विफ्टकी ऍण्ड्रॉइड कीबोर्ड ३.१ में हिन्दी, हिंग्लिश समर्थन शामिल - स्विफ्टकी ऍण्ड्रॉइड स्मार्टफोन तथा टैबलेट के लिये एक प्रसिद्ध और लोकप्रिय कीबोर्ड ऍप्लिकेशन है। जैसे-जैसे आप टाइप करते जाते हैं यह सीखती जाती है ताकि आपको ...यार्ड में लेखन - वरिष्ठ अधिकारी का निरीक्षण है, यार्ड में नयी पिट लाइनों का निर्माण कार्य चल रहा है, पिट लाइनों का उपयोग यात्री ट्रेनों के नियमित रख रखाव के लिये किया जात...गाँव-शहर हर जगह ठण्डो रे ठण्डो! - सुदूर पहाड़ों पर बर्फवारी के चलते वहाँ से आने वाली सर्द हवाओं से जब देश के अधिकांश हिस्से ठिठुर रहे हों, ऐसे में वे अपनी हिमपूरित पहाड़ी हवाएं अपने शहर मे...अड़हा बईद परान घाती - यह कहावत हिन्दी कहावत नीम हकीम खतरे जान का समानार्थी है, जिसका अभिप्राय है : अनुभवहीन व्यक्ति के हाथों काम बिगड़ सकता है. अब आईये इस छत्तीसगढ़ी मुहावरे में..लवकुश का गर्भ-ज्ञान - माता, रोओ मत, इस सुनसान जंगल में तुम्हारे असहाय-क्रन्दन की आवाज सुनकर न मेरे पिता राम, नाही चाचा लक्ष्मण आएंगे देखो माता देखो कैसे बदल गए राजधर्म के अर्थ कुछ...




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शनिवार, 29 दिसंबर 2012

क्या करोगे नहीं लिखेंगे रिपोर्ट...ब्लॉग 4 वार्ता... संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार....कैसी सर्दी आई है ? .धुंध कोहरे की जमी दिन भर धूप छुपी शरमायी है मफ़लर, टोपी, शॉल और स्वेटर निकला कंबल, रज़ाई है देखो सर्दी आई है .... हीटर, गीजर दौढ़ता मीटर सुस्ती मे अब चलता फ्रीजर हाट मे सस्ती मिलती गाज़र हलवे की रुत आई है देखो सर्दी आई है ..... मूँगफली के दाने टूटते रेवड़ी- गज़क के पैकेट खुलते चाय -कॉफी की चुस्की लेते गुड़ देख चीनी लजाई है देखो सर्दी आई है ...... सिर से पैर तक खुद को ढ़क कर मौसम के अमृत को चख कर बाहर जब नज़र घुमाई है नंगे जिस्मों पर ओस की बूंदें मुझे कभी समझ न आई है कैसी सर्दी आई है ? प्रस्तुत है आज की वार्ता...

तुझे कैसे भूल गई ! - भुला दिया ! रात भर करवटें बदलने का फैसला मैंने खुद किया था, तो किसी का क्या कुसूर :-( गूगल में मिति का नाम ढूँढा ... फेसबुक पर खोज की यहाँ तक ऑरकुट ... घर - बहुत कमज़ोर दीवारें इस घर की, दबा लेता अन्दर दर्द की सिसकियाँ, कहीं आवाज़ से भरभरा कर गिर न जायें...आतुर हैं---भरने को ड्योढी पर मेरे - जाते हुए वक्त को(हर रोज)पीछे छोड कर उन, असीमित--- घाटिओं के उस पार चलती रहती हूं------- कल के सिंदूरी-सूरज का, थामने हाथ एक सूरज नहीं ह... 

तिरे मयखाने में ....... वह जानेगा क्या मजा है पीने पिलाने में, जो हो आया है इक बार तिरे मयखाने में। दुश्मनों को भी गले मिलते देखा हमने, दीवानों की महफ़िल लगी तिरे मयखाने में। ...नजरबन्द ... - आजकल शब्दों की हिम्मत भी हवा देखकर बढ़ सी गयी है ... न जाने क्यूँ वे अपना आक्रोश मुझपर ही अजीब तरह से व्यक्त कर रहे हैं मैं निकल जाने को भी कहूँ तो कुछ बुदब... चाहत - हम चाहते हैं तू जाड़े में चाय के गर्म कुल्हड़ की तरह मिले होठों को छुए पीते रहें तुझे चुस्कियों में, गर्मी में बर्फ के गोले की तरह नाचती रहे हमारे ...

क्या करोगे नहीं लिखेंगे रिपोर्ट... - वर्दी वाला गुण्डा, पुलिस को कोई यूं ही नहीं कहता ! छत्तीसगढ़ में तो कम से कम हर वर्दी वाला अपनी मर्जी का मालिक है । उसे लगेगा कि रिपोर्ट लिखी जाय तो लिखा जाय... पहले नए साल की शुभकामनाएँ देंगे और फिर खूब गालियाँ........Happy New Year.........!!???? - उस रात मैं बहुत व्याकुल था। वैसे यहाँ व्याकुल शब्द मुझे कुछ जम नहीं रहा है क्योंकि इसका प्रयोग अक्सर कृष्ण के वियोग में गोप गोपियों के लिए किया जाता है कि... नए साल में फिर से करेंगे मिलकर नए घोटाले----- हम भारत वाले----हम भारत वाले-------! - साल ख़त्म होने को आया, दुनिया बहुत बोल चुकी। यूं समझिये कि साल भर बोलती रही इसलिए अब मैं क्या बोलू, और सिर्फ मेरे बोलने भर से होगा भी क्या ? वैसे भी मुहंफ...   
  
बलात्कारियों को सरकारी प्रस्ताव - आदरणीय बलात्कारियों पहले तो आप हैरान मत होना कि हम कैसे आपको आदरणीय कह रहे हैं। बलात्कार की घटना पर चहुंओर कड़े कदम की मांग पर घिरी उपीए सरकार के मुखिया...अब बलात्‍कारी भी होंगे ऑन लाइन ! - *#उलटी चप्‍पल* अगर आप बलात्‍कारियों से नरफत करते हैं, और आप उनकी सुपारी देना चाहते हैं, तो आपके लिए एक अच्‍छी ख़बर है कि सरकार बहुत जल्‍द बलात्‍कारियों की ...बलात्‍कारियों की गुप्‍त मीटिंग - *//व्‍यंग्‍य-प्रमोद ताम्‍बट//* अभी-अभी खबर मिली है कि दिल्‍ली में वरिष्‍ठ बलात्‍कारियों की एक गुप्‍त मीटिंग हुई है। इस क्‍लोज़ मीटिंग में बड़ी संख्‍या में ... 

ईश्वर - अस्तित्व - यदि यह सच है कि ईश्वर ही सर्वत्र, प्रत्येक स्थिति में, कर्म में, अकर्म में, महाशक्तिमान बन आनन्द-सुख, दुःख-व्यवथा, अन्तस्-मर्म में कण-कण में व्याप्त है फिर ह...निरमोहिया राम की सीता-कथा - चन्द्रिका प्रसाद चन्द्र लोक की कसौटी पर राम की मर्यादा भारतीय लोकमानस, देवत्व से अधिक मनुष्यत्व को महत्व देता है। लोक कथाओं, लोक गीतों में राम, कृष्ण, शिव ... शिरड़ी : बाबा के वीआईपी ... - *बात* बड़े दिन यानि इसी 25 दिसंबर की है। बच्चों के स्कूल की छुट्टी थी, मुझे भी आफिस से छुट्टी मिल गई, सोचा चलो बड़े दिन पर कुछ बड़ा करते हैं, शिरड़ी चल क...

 लेजा अपना चाँद- - *लेजा अपना चाँद, * *दे जा मेरा अँधेरा .....* *कम से कम नजर* *नहीं आएगा **वो चेहरा ...* *जो हमसाया * *मेरीदुनियां का * *सरमाया था...| * *जिसमें लगे दाग* *म...तुम्हारा साथ .....तुम्हारे साथ चला नहीं जाता नहीं सहन होती अब मुझसे तुम्हारी बेरुखी ....... ये बेरुखी मुझे लहुलुहान किये दे रही है , कब तक पुकारूँ तुम्हें , जब हो मेरी हर पुकार ही अनसुनी ... नहीं पुकारुगी तुम्हे ना ही मुड़ ,थाम कर कदम देखूंगी , तुम्हारी तरफ कातर निगाहों से ....चाहत हम चाहते हैं तू जाड़े में चाय के गर्म कुल्हड़ की तरह मिले होठों को छुए पीते रहें तुझे चुस्कियों में, गर्मी में बर्फ के गोले की तरह नाचती रहे हमारे लपलपाते जीभ के चारों ओर लट्टू की तरह, सावन में बारिष के बूदों की तरह झमाझम बरसे भीगते रहें देर तक और तू चाहती है...

दीजिये इजाज़त नमस्कार........

शुक्रवार, 28 दिसंबर 2012

नए साल का धमाल-बीत गया ये साल … ब्लॉग 4 वार्ता... संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार....कुछ कहूँ .....?? कह तो लूँ ..... पर कोयल की भांति कहने का ... अपना ही सुख है ... बह तो लूँ ...... पर नदिया की भांति बहने का ..... अपना ही सुख है ... सह तो लूँ .... पर सागर की भाँति सहने का .... अपना ही सुख है .... सुन तो लूँ .... पर विहगों के कलरव सुनने का ... अपना ही सुख है ... गुण तो लूँ ..... पर मौन दिव्यता गुनने का .... अपना ही सुख है .... हँस तो लूँ ... आँसू पी कर भी हंसने का .... अपना ही सुख है .... जी तो लूँ ..... पर रम कर के जीने का ... अपना ही सुख है ... रम तो लूँ ... हरि भक्ति मे रमने का .... अपना ही सुख है .... है न ...?? ...लीजिये प्रस्तुत है आज की वार्ता.... 

हाथ पांव में दम नहीं, हम किसी से कम नहीं :दिल्ली गैग रेप - *दस बजे रात को लड़की घर से बाहर क्या कर रही थी?* *ब्वॉय फ्रेंड के साथ रात को बाहर निकलेगी तो यही होगा. * *पुलिस कहां तक संरक्षण देगी?* *प्रतिरोध भी उसका..जागो, कि तुम आधा विश्व हो - पिछले कई दिनों से दिल्ली में दरींदों के वहशीपन का शिकार बनी बेकसूर लडकी को न्याय दिलाने के लिए सरकार और जनता के बीच ठनी हुई है। सरकारी पाले के लोग इस गलतफ... ‘हम भ्रष्ट हैं और हमें भ्रष्ट होने का पूरा-पूरा अधिकार है’.....!!!??? - ‘हम भ्रष्ट हैं और हमें भ्रष्ट होने का पूरा-पूरा अधिकार है’ ‘हम भ्रष्ट हैं और हमें भ्रष्ट होने का पूरा-पूरा अधिकार है’ – यह नारा लगाते हुए भ्रष्ट संघ ने भार...

अगर ब्लोगवाणी चाहे तो आज भी फिर से हिन्दी ब्लोगिंग में जान फूँक सकती है - और किसी को लगे, न लगे, पर मुझे लगता है कि हिन्दी ब्लोगिंग की प्राणशक्ति बेहद कमजोर हो चुकी है, इसके पीछे कारण यही लगता है कि हिन्दी ब्लोगिंग के लिए अच्छे ...करते हैं दुआकितनी ही रातें गुजरी आँखों ही आँखों में तेरी आमद के सारे रस्ते धोये आँखों की बरसातों ने. तुम तो "आता हूँ " कह कर भूल गए वाकिफ भी नहीं ... किसी की दुनिया और वक़्त रुका हुआ है तुम्हारे इंतज़ार में . " तुम वहाँ अपनी हथेली रखो मैं अपनी आगे बढाती हूँ जोड़ लेते हैं दोनों हथेलियाँ करते हैं दुआ... ........ए खुदा सुन ले ज़रा ...तुम न मुझको भूल जाना तुम न मुझको भूल जाना, याद करना याद आना, जिंदगी तेरे हवाले, छोड़ दो या मार जाना, प्यार तेरा बंदगी है, आज है तुझको बताना, चाहते हैं लोग सारे, दाग से दामन बचाना, ठीक ये बिलकुल नहीं है, हार कर आंसू बहाना ..... 

नए साल का धमाल-जूतम पैजार बवाल …… - चौपाल में डीजे लगाकर नया साल मनाने के लिए मोहल्ले के नवयूवक मनहरण, लीलू, चंदू, डॉक्टर, तहसीलदार, थानेदार, कोरकु, फ़ागु इत्यादि तैयारियों में जुटे हैं। ..नववर्ष की बधाई,,, - *2013* *नववर्ष की बधाई,* * * साल बीत गया दुख में,कोई खुशी नही पाई, नया साल सुखमय गुजरे,नववर्ष की बधाई! 2012 बीत रहा, क्या खोया क्या पाया...छत्तीसगढ़: एक अटल-प्रतिज्ञा जो पूरी हुई - *पूर्व प्रधानमंत्री मान. अटल बिहारी वाजपेयी के 89 वें जन्मदिवस पर विशेष लेख* वह दृश्य अभी भी ऑंखो से ओझल नहीं हो पाया है जब 31 अक्टूबर 2000 को घड़ी की ... 

मेरी अभिव्यक्ति..........- आज टूटकर आसमां से फिर इक तारा गिरेगा... किसी ने दिल से अधूरे चाँद की ख्वाहिश की है. : राकेश जाज्वल्य. 27.12.12 ...इन्काररात के अँधेरे में बैठ कर वो अपने आंसू बहा रहा था। उसे लगता था की वो अब और जी नही पायेगा। रह रह कर उसे वो घटना याद आती थी। किसी की याद उसे हर समय जला रही थी। वो एक मामूली सा मास्टर था। जो की कम तनख्वा में सिर्फ अपना खर्च ही चला सकता था। ऐसे में शायद उसे इस बात का अधिकार ना था की वो किसी से मोहब्बत करे...मुझे सिर्फ एक ख़ामोशी मिली है........ - आज मुझसे यूँ ही एक दोस्त पूछ बैठी की मैंने कुछ क्यों नही लिखा? दिल्ली वाली घटना पर मैं उसके इस सवाल पर मेरे पास कोई जवाब नही था और....मैं खामोश रही....और ...  

मैं एक नारी हूँ हे!सखा कृष्ण मैं एक नारी हूँ , आत्मा हूँ हर युग की मैं एक चुनौती-एक आवहान हूँ ...शाश्वत प्रेम - आज आशीष राय जी के ब्लॉग "युग दृष्टि" से एक कविता --* शाश्वत प्रेम* *आशीष जी अपनी कविता के बारें में कहते हैं---* *"प्रेम की परिभाषा के बारे में कुछ कहना मे...पृथ्वी का पहला व्यक्ति - मैने जब पृथ्वी पर पहला पग रखा सौन्दर्याचारी बना- मां का मुंह निहार फिर बना लोभाचारी-अच्छे स्वादिष्ट भोजन, सुस्वादिक वह सब कुछ जिससे पेट भरता हो तभी प्रेम के ..

भीमा नदी किनारे विराजे भीमा शंकर ज्योतिर्लिंग भीमा शंकर की यात्रा प्रारम्भ में जितनी उत्सुकता भरी थी, समापन में उसका रोमांच नाम मात्र का भी नहीं था। बस! एक ही आनन्द था - एक और ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर लिए। पुणे से कोई सवा सौ-एक सौ तीस किलामीटर की यह यात्रा हरी-भरी तो होती है  मौन ही होता जहाँ अभिषेक !! .मेरी खामोशियों को देख शब्‍द आपस में कानाफूसी करते हैं इन दिनो अपने-अपने क़यास लगाते जुबां कुछ कहने को तैयार नहीं मन अपनी धुन में हर वक्‍़त शून्‍य में विचरता आखिर वज़ह क्‍या है ?? .जी ढूँढता है घर कोई दोनों जहां से दूर मैंने फेसबुक पर अपनी प्रोफ़ाइल पिक्चर बदल ली है मगर ये शोक और विरोध का प्रतीक काला डॉट नहीं है। इस शर्मसार कर देने वाले अमानुषिक कार्य की भर्त्सना करता हूँ लेकिन मैं काला डॉट नहीं लगाना चाहता हूँ। ... 

भास्कर भूमि में ‘डॉ. चन्द्रकुमार जैन’, ‘देशनामा, ‘अजित गुप्ता का कोना’, ‘ललितडॉटकॉम’, ‘उसने कहा था’ - 27 दिसंबर 2012 को भास्कर भूमि में डॉ चन्द्रकुमार जैन, देशनामा, अजित गुप्ता का कोना, ललित डॉट कॉम, उसने कहा था की पोस्ट्स ...हेड या टेल : यह ज्‍योतिष का नहीं आंकडों का खेल है | गत्‍यात्‍मक ज्‍योतिष - कल ज्‍योतिष को चुनौती दिए जाने से पहले मैने अपनी ओर से कुछ सुझावों का जिक्र किया था ,जिसे आप मेरी शर्तें भी मान सकते हैं । पर फिर भी पाठकों ने इसका स्‍वागत किया ,इसके लिए उनका बहुत बहुत शुक्रिया। वैसे इतनी सावधानी बरतने के पीछे जो कारण है ,उसके बारे में आप अनजान हो सकते हैं ,पर मैं नहीं। ... ठीक है : मुन्‍नाभाई के फेसबुक और ट्विटर के वे संदेश जो सुर्खियों में रहे - "पब्लिक को तुरत अफीम चटाओ होश में यह कैसे आई पता लगाओ" मच्‍छर से मुन्‍नाभाई की फेसबुक पर चैटिंग गाजर के हलवे में तरबूज की खोज आम ने बनायी खिचड़ी द..

एक कार्टून ...

अगली वार्ता तक के लिए दीजिये इजाज़त नमस्कार........

मंगलवार, 25 दिसंबर 2012

इहै नगरिया तू देख बबुआ …... ब्लॉग4वार्ता / संगीता स्वरूप

आज की वार्ता मे संगीता स्वरूप  का नमस्कार ....

चलती बस में दुष्कर्म के मामले में एक मौत हो गई है। इस वारदात के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान घायल सिपाही सुभाष तोमर की मंगलवार सुबह मौत हो गई।.... और अब पुलिस वीडियो फुटेज देख कर दोषी को ढूँढने का प्रयास करेगी ....... सरकार चाहती है कि  लोग मुख्य मुद्दे से भटक जाएँ .... चलिये देखते हैं आज के लिंक्स ...

बलात्कार , विरोध ,और नगरवधू

नगरवधू !
मेरे मन में बढ़ गया  तेरा सम्मान...

नहीं उठते तेरे लिए कभी झंडे-बैनर,
नहीं सहता कोई पानी की तेज़ बौछार,
नहीं मोमबत्तियों के साथ निकलता मोर्चा,
नहीं जोड़ता तुझसे कोई अपना अभिमान,

अब तो तस्वीर बदलनी चाहिये

इतनी लाठियाँ एक साथ ……नृशंसता की पराकाष्ठा………दोष सिर्फ़ इतना न्याय के लिये क्यों गुहार लगायी ?
बहुत हो चुका अत्याचार
बहुत हो चुका व्यभिचार
अब बन दुर्गा कर संहार

जब दवा ही दर्द देने लगे तो बंद करना ही बेहतर होता है --

यदि बुखार हो जाये तो हम तुरंत दवा लेने लगते हैं। लेकिन जब लम्बे समय तक दवा लेने के बाद भी बुखार न उतरे और सारे टेस्ट भी सामान्य आयें तो डॉक्टर सारी दवाएं बंद कर देते हैं और बुखार उतर जाता है। इसे हम ड्रग फीवर कहते हैं।
कुछ ऐसा ही हो रहा है गैंग रेप के विरुद्ध आन्दोलन में। गुंडागर्दी के विरुद्ध आक्रोश का प्रदर्शन करते करते कहीं न कहीं हम स्वयं ही पथ भ्रष्ट हो गए हैं।

महामना

आदमी यों ही बड़ा नहीं बनता है, उसके बड़प्पन या महानता के पीछे उसकी लगन, सच्चाई औए अध्यवसाय होता है. दुनिया भर में मानव जाति की सेवा करने वाले मनीषियों ने विभिन्न क्षेत्रों में अपने चिरंतन कर्मों के द्वारा महत्ता प्राप्त की है.
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, जिसे B.H.U. के नाम से भी जाना जाता है, के वर्तमान विराट स्वरुप को देख कर अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है कि इसके संस्थापक पण्डित मदन मोहन मालवीय जी थे,

बदलनी होगी अब तस्वीर

युवा शक्‍ति को नमन! दामिनी/निर्भया को सलाम और उस बच्ची की सलामती की दुआ के साथ आज की प्रस्तुति -
कुहासा है या
घनीभूत हो गई है पीर
या शर्मसार हो रवि
छिप गया है घन के चीर

नया अंदाज

क्या देख कर
मुस्कुरा रही हो
जाने  क्या सोच रही हो
सभी को लुभा रही हो |

तपस्विनी....! (कहानी)

ऐसा क्यों होता है, किसी भी सफ़र में ख़ामोशी की दीवार जब टूटती है तो,  तो बीच का अटपटापन बाकी नहीं रहता। बातें, मौसम, देश की राजनीति से होती हुई, व्यक्तिगत बातों तक आ जातीं हैं। बातों के प्रवाह में, गजब की गति आ जाती है। सहयात्री की फ़िक्र तक हो जाती है, उसका साथ यूँ लगता है, जैसे अब कभी छूटने वाला ही नहीं है, लेकिन मंजिल तक पहुँचते ही, रास्ते जुदा हो जाते हैं

इहै नगरिया तू देख बबुआ …………… ललित शर्मा

प्राचीन राजधानी श्रीपुर के अवशेषों को देखने पर्यटक आते हैं, जरा चर्चा वर्तमान सिरपुर गाँव की भी कर ली जाए। प्राचीन राजधानी के वैभव को तो मैने देखा नहीं परन्तु उसके खंडहरों को देखकर उसके वैभव एवं महत्ता को महसूस किया है। वर्तमान में सिरपुर ग्लोब पर 21.40’51.13 उत्तर एवं 82.10’54.07 पूर्व में रायपुर से 81 किलोमीटर की दूरी पर महासमुंद तहसील, जनपद एवं जिलान्तर्गत आता है।

अगर कुछ दे सको तो ..

सेंटा !
सुना है
तुम बिना मांगे
अपनी झोली से निकाल कर
खुशियाँ बांटते हो 
मुस्कुराहटें बांटते हो

मेरी क्रिसमस---दुआएँ ले लो हमारी

आज मुझसे किसी ने कहा कि वह अपनी बर्थडे विश मेरे ब्लॉग पर ही स्वीकार करेंगी...मैं उनके लिए कुछ लिखूँ...तो मंजु जी आपकी इच्छा शिरोधार्य है...

सबसे अच्छी बात है कि आज क्रिसमस भी है...सबको क्रिसमस की बधाइयाँ और हार्दिक शुभकामनाएँ !!

इश्क के दो रंग


पहला रंग इश्क का--- नीला-नीला......
वो सर्दी की इक शाम थी. वो ट्रेन से उतरता है,  टैक्सी लेकर सीधे बताये पते पर. 
' आ गये तुम?' वो देखकर उससे पूछती है.
'चैम्प, मैं तुझे एक घंटे से ढूंढ रहा हूँ.'
'अरे शादी बाले घर में आया है, लड़की इतनी जल्दी थोड़ी न दिखेगी.'

मुझे सपना सच होने का डर है

मुझे माफ कर दो,
दोस्तों
कल रात नई दिल्ली में
मैं सोनिया के घर
कुछ बलात्कारी जबरन
घुस गए

मन के प्लेटफॉर्म पर

ऐसा कभी नहीं हो सकता
कि मन के प्लेटफॉर्म पर
तुम्हारी यादों से भरी
धीरे धीरे चलने वाली
मालगाड़ी न आये .

घृणा का स्‍वाद : एक पुरातन आखेट कथा

तुम्हारे नीचे पूरी धरती बिछी थी
जिसे तुमने रौंदा
वह सिर्फ़ स्त्री नहीं थी
एक समूचा संसार था फूलों और तितलियों से भरा
रिश्तों और संभावनाओं से सजा

सुशीला श्योराण की दो कविताएँ

खड्‍ग ले जीना होगा

सदियों से रिसी है
अंतस् में ये पीड़ा
स्‍त्री संपत्ति
पुरुष पति
हारा जुए में
हरा सभा में चीर

बाहर कोई मां नही जो तूझे बचा लेगी.

बेटी हुं मै मांगती हूं..... जीने का अधिकार
क्या मां तुम मुझे इस दूनिया में आने न दोगी ?

विनती

यह दीन दशा अब देख देश की,
रोती  प्याला, रोती हाला।
चहु ओर व्यथा है, औ' विषाद है,
थर-थर काँपे मन-साक़ी बाला।

धूल सने हाथ पांव,खिलखिलाती हंसी ...

बचपन कौन भूलता है भला .... धूल सने हाथ पांव,खिलखिलाती हंसी - माँ की गोद में बेपरवाह छुप जाती है . माँ का आँचल साफ़ होने के लिए सबसे ख़ास अनमोल होता है और माँ के आँचल में बच्चे के आंसू हीरे जवाहरात बन जाते हैं . लड़ना-झगड़ना,चौकलेट चुराना, इधर-उधर से सीखी गलियाँ धड़ल्ले से बोलना .... कान उमेठे जाने पर भी दांत पिसना ..... बचपन की पोटली की अमीरी सबसे जुदा होती है .

सामाजिक बहिष्कार से बड़ी सजा कोई नहीं हो सकती-एसपी

दिल्ली की घटना के बाद से पुलिस दवाब में है। इसी संदर्भ में हमने एसपी संतोष चालके से बात की। हमनेउनसे पूछा,दिल्ली की घटना के बाद पुलिस पर कितना दवाब है? दवाब पर ज़ोर देते हुए एसपी बोले,दवाब शब्द उचित नहीं है। महिलाओं की गरिमा,आत्म सम्मान के बारे में पुलिस को संवेदनशील होना ही चाहिए

एहसास ..

मेरे लिए खुशी का दिन

ओर तुम्हारे लिए ...

सालों बाद जब पहली बार घर की देहरी से बाहर निकला

समझ नहीं पाया था तुम्हारी उदासी का कारण

मेरी क्रिसमस कथा (तातियाना के लिए) : माइकल येट्स

जब मैं छोटा था तब ज़्यादातर औरों के उतारे हुए कपड़े पहना करता। पड़ोसियों का बेटा मुझसे साल-दो साल बड़ा था और लगभग मेरी ही साइज़ का था और उसकी उतारी हुई कमीज़ें और पतलूनें मुझे मिलतीं। दादी या मेरी माँ उन्हें छोटा-बड़ा कर देती

आया हूँ मैं प्रेम लहर बन

अंधकार में जो बैठे थे
ज्योति उन्हें जगाने आई,
मृत्यु की छाया थी जिन पर
जीवन सरिता थी लहराई !

सेंटा क्लॉज़ का इंतज़ार है

जब क्रिसमस त्यौहार है आता, 
खुशियाँ छा जाती हैं मन में.
जगमग करता है घर सारा,
क्रिसमस ट्री सजता आँगन में.

कुछ क्षणिकायें

हम तो थे परिंदा
हमारी हर उड़ान के साथ
अपने लोग भी हमें
अपने दिलों से
उड़ाते गये

किसे सुनाएँ हाल-ए-दिल...नज़र और जुबां पे सबके ताले पड़े हुए हैं

दिल्ली में घटी उस शर्मनाक घटना पर फेसबुक मेरी त्वरित प्रतिक्रिया थी,

"दिल्ली में वहशीपन की इस घटना पर सबका खून खौल रहा है .पर सिर्फ खून खौलने की नहीं, खून का ये उबाल बनाए रखने की जरूरत है, जब तक ऐसी घटनाएं बंद न हो जाएँ;.
दोषियों को सजा न मिल जाए और लडकियां अपने आप को सुरक्षित न महसूस करने लगें।
ये नहीं कि कुछ दिनों में हम इसे भूल जाएँ और फिर किसी अगली खबर का इंतज़ार हो। "

स्त्रियों को शक्ति स्वीकारने वाले देश में स्त्रियों के सम्मान और प्राणरक्षा के लिये आन्दोलन

यह संयोग की ही बात है कि बिहार की साहसी बेटी अनायास ही पूरे भारत की चहेती बेटी बन गयी। आज पूरा देश चिंतित है फ़िजियोथेरेपिस्ट कुमारी दामिनी के लिये ......लोग आन्दोलित हो रहे हैं। भारत की राजधानी में प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारियों के गुस्से का समर्थन कर रही हैं दिल्ली की मुख्य मंत्री और उनके सांसद बेटे

अरे वो अधर्मी !

अरे वो अधर्मी, 

शरमा रही अब

तुझसे बेशर्मी,

कड़क सर्दी में,

ताप रहा देश,

मैं लाचार हूँ--आपका सहयोग चाहिए

आज़ादी के बाद देश में भ्रष्टाचार बढ़ा है ।

लोकतन्त्र के साये में कुल का आकार बढ़ा है॥

भारत भ्रष्टाचार राशि दोनों की एक रही है ।

काँग्रेस के साथ करप्शनका भी हाल यही है॥

अब कानून से ज्यादा आवश्यक है जागरूकता

वर्ष 2012 ने जाते-जाते देश को हिला देने वाली दो घटनाओं से परिचित करवा दिया। दिल्ली में हुई गैंग रेप की बर्बर घटना और उस घटना के बाद देशव्यापी-विशेष रूप से दिल्ली के युवाओं का स्वस्फूर्त रूप से बलात्कार की घटनाओं के विरोध में सड़कों पर उतर आना अपने आपमें वे दो घटनायें हैं जिनको आसानी से भुलाया नहीं जाना चाहिए।

न्‍याय की माँग में !!

आँख नम है
न्‍याय की माँग में
जुल्‍म देख
...
पीड़ा के क्षण
मन का संताप ये
किससे कहें

अजगरी सिस्टम......अजगरी धार

पिछले कुछ दिनों से युवा छात्र-छात्राओं पर चल रहे सरकारी दमनचक्र के दृश्य देख बार-बार आँखें नम हो रही हैं। एक ओर से प्रदर्शनकारी खदेड़े जा रहे हैं तो दूसरी ओर से फिर आ डटते हैं। लगातार आँसू गैस के गोले छोड़े जा रहे थे लेकिन नौजवान थे कि डटे रहे। पूरी ताकत से लाठी भांजते पुलिसिये तड़-तड़ लाठी बरसाते रहे

ब्लू डनहिल्स- पास्ता विद ब्लैक कॉफी

कोई विदेशी वायलिन की धुन थी. शाम के ताने बाने से मेरे लिए दुशाला तैयार कर रही थी.

घुसपैठिया...डाकू...जाने मन के किस किस कोने पैठ गयी थी उसकी याद...सुबह कब नींद खुली याद नहीं बस ये याद था कि सपने में उसे देखा है,

हैप्पी क्रिसमिस ..

चलो मिल कर ज़िंदगी को मीठे केक सा कर जाए:) आओ सिखाएं आपको इस केक को बनाना इसके लिए जरा यह सब सामान तो ले के आना एक कप प्यार , में १०० ग्राम दयालुता , ५०० ग्राम दुआ [प्रार्थना ] मिला के इसको नरम बनने तक हिलाना फ़िर इस में १५० ग्राम भावना त्याग की , और १०० चम्मच मदद सबके लिए ५ मिनट तक रख जाना अब इस में १०० बूंदे मुस्कराहट की १ चम्मच सहन शक्ति के साथ अच्छे से इन सबको मिला के फ़िर इसको पकाना

और अंत में---

कार्टून :- ठीक है

आज के लिए बस इतना ही ..... फिर मिलते हैं ... नमस्कार

 

सोमवार, 24 दिसंबर 2012

ओ देश के कर्णधारों …अब तो जागो...ब्लॉग 4 वार्ता... संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार....ज़रा सोचिये ! बलात्कारियों के लिए कौनसी सजा उचित है या होनी चाहिए ये तो देश के बुद्धिजीवी और प्रबुद्ध व्यक्ति तय कर ही लेंगे मगर कुछ और भी हैं, जो कुछ इस तरह से हैं- - १. कोई भी व्यक्ति इस ओर ध्यान क्यूँ नहीं दे रहा कि चाहे वो आदमी हो या फिर औरत उस पर समाज का सीधा सीधा असर पड़ता है. वो रोजमर्रा की छोटी छोटी घटनाओं से प्रभावित होता है. क्या, कहीं हमारे समाज में ही तो दोष नहीं आ गया है. यहाँ ये गौर करने लायक है कि समाज भी बिगडता है.. और सुधरता है.....तभी तो समय समय पर 'समाज सुधारकों' का उदय होता आया है. - २. क्यों नहीं हम व्यक्ति के निर्माण पर जोर देते.....लीजिये प्रस्तुत है आज की वार्ता...

गृहमंत्री साहब ! अपराध तो बढ़ेंगे ही ... - जब प्रदेश के गृह मंत्री शराब ठेकेदारों के हाथों थाने बिकने की सिर्फ बात करता हो, पुलिस कप्तान को निकम्मा तो कहता हो लेकिन कार्रवाई नहीं कर पाता हो तब अपराध ... चलो दिल्ली ! - * * चलो दिल्ली ,चलो जनपथ, जहाँ हुक्काम बहरे हैं हवाओं में,फिजाओं में ,जहाँ संगीन पहरे हैं. चलाओ गोलियाँ ! छलनी हमारी छातियाँ हो जांय , ये आतिश बुझ ....पक्षपाती नजर से निष्पक्ष कार्रवाई की माँग याने अगले जघन्‍य सामूहिक बलात्कार की प्रतीक्षा - बेईमानी भरे दिल-दिमाग-नजर से की गई, ईमानदार कार्रवाई की माँग अपने आप में बेईमानी होती है। चूँकि हम सब यही कर रहे हैं, इसलिए, दिल्ली में हुई, सामूहिक बलात्... 

प्‍यारी लड़कियो! - लड़कियो! 1- अपने घरों से बाहर निकलो. 2- पब्लिक स्‍पेस पर कब्‍जा करो. यकीन करो, धरती की हर इंच जगह तुम्‍हारी है और तुम्‍हें कहीं भी जाने-होने-रहने-जीने .PIL of 'We, the people' - लड़की की आँखों को देखिये, चेहरे के भाव और देह की भंगिमा देखिये। यह ऐतिहासिक चित्र है। यह है स्त्री! केयरिंग, निर्भय और अपने अधिकारों के प्रति सचेत। ~...अपने नगर में क्या होता है वह तो दिखता नहीं ..... - श्रीगंगानगर-दिल्ली की घटना से पूरे देश में आक्रोश है। गुस्सा है। नाराजगी है। हल्ला है। चर्चा है। देश भर की पुलिस अपने आप को लड़कियों के प्रति और चौकस हो ... 

फांसी की सजा बलात्कार का समाधान नहीं - दिल्ली गैंगरेप के बाद दिल्ली समेत देश के कई भागों में इन बलात्कारियों को फाँसी की सजा देने की माँग जोर पकड़ने लगी है। ऐसा लग रहा है जैसे इन दो-चा...जी करता है तेरा ताऊ-मार्शल करवा दूं... - ताऊ महाराज धृतराष्ट्र अंदर राजमहल में मिस समीरा टेढी के साथ शतरंज खेलने में व्यस्त हैं. बीच बीच में टीवी स्क्रीन पर नजर भी डाल लेते हैं. सभी को पता है कि...अंतर्द्वंद... क्या बताओगे आने वाली पीढ़ी को कि सिर्फ दिमाग लेकर ही पैदा हुआ था आज का इंसान दिल नहीं था इसके पास निज स्वार्थ के आगे मानवता भी भूला द्वंद्व है मन ... 

सचिन : बहुत देर कर दी, हुजूर जाते जाते ... - *सचिन *रमेश तेंदुलकर महान क्रिकेटर हैं, इस बात से किसी को एतराज नहीं हो सकता। देश उन्हें क्रिकेट का भगवान कहता है। मैं व्यक्तिगत रुप से ये मानता हूं कि ...शब्द - वो शब्द छोड़ दिये हैं असहाय विचरने को खुले आसमान में वो असहाय हैं, निरुत्तर हैं कुछ कह नहीं पा रहे या कभी सुने नहीं जाते रौंध दिये जाते हैं सरेआम इन खुली स... समाधान समस्याओं का,,, - नेता जी से - उनकी पत्नी ने पूछा - ? अजी, आखिर निरक्षरता, बेरोजगारी, व देश की अन्य समस्याये, पूर्ण रूपेण हल क्यों नही हो पाती, पहले तो नेता जी झुझलाये फिर ..

आरंग ........... - सिरपुर की ओर 18/11/12 दिनांक-18 नवम्बर 2012, समय-12.15 PM रायपुर तेलीबांधा रिंगरोड़ चौराहे पर मुम्बई से कलकत्ता जाने वाली सड़क के किनारे खड़ा था बस की प्रती..ब्लॉग और ब्लॉगर की टिप्पणी-4 - हे भगवान! तुमसे कोई चूक तो नहीं हो गई? नर-नारी दोनो को स्वतंत्र कर देते..जो चाहे, जैसे चाहे भोग..संभोग करे.. बच्चे पैदा करे..हे अर्द्ध नारीश्वर!...ज़िंदगी जीती रहूँ मैं उधार की - ज़िंदगी जीती रहूँ मैं उधार की जब तक मिले साँसे तुम्हारे प्यार की, हांथों की इन लकीर मे तेरा, ही नाम है उस नाम संग जीना मेरा बस काम है आशाओं मे जीती हू... 

सूर्य का संताप - सूर्य का संताप मैंने बचपन से आज तक हर रोज़ सूरज को सुबह औ शाम गंगा नहाते देखा है जैसे मानो उसने भीष्म प्रतिज्ञा कर रखी हो गंगा में डुबकी लगाये बिना गंगा के ...  दामिनी - अरुणा .... कौन कौन !!! - यह दामिनी है वह अरुणा थी तब भी एक शोर था आज भी शोर है ......... क्यूँ ? क्यूँ ? क्यूँ ? ............. शोर की ज़रूरत ही नहीं है नहीं है ज़रूरत कौन कब... ओ देश के कर्णधारों ……अब तो जागो - कुम्भकर्णी नींद में सोने वालों अब तो जागो ओ देश के कर्णधारों ……अब तो जागो क्या देश की आधी आबादी से तुम्हें सरोकार नहीं क्या तुम्हारे घर में भी उनकी जगह नहीं ...
 

 
इजाज़त दीजिये नमस्कार...

रविवार, 23 दिसंबर 2012

कहीं कमी हमारी शिक्षा और संस्कारों में तो नहीं !! .. ब्‍लॉग4वार्ता .. संगीता पुरी



आप सबों को संगीता पुरी का नमस्‍कार , देशभर में हो रहे आंदोलनों के आगे झुकते हुए सरकार ने मामले की जांच एवं महिलाओं की सुरक्षा में सुधार के लिए उपाय सुझाने की खातिर न्यायिक आयोग का गठन करने की घोषणा की। सरकार ने साथ ही यह भी संकेत दिया कि बलात्कार के लिए अधिकतम सजा बढ़ाकर फांसी की जा सकती है। गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने राजधानी दिल्ली में प्रदर्शन बढ़ने के बीच सरकार की ओर से उठाए जाने वाले शृंखलाबद्ध कदमों की घोषणा की। फेसबुक और ब्‍लॉग्‍स में भी इस घटना पर लगातार लिखा जा रहा है , पढिए कल के कुछ महत्‍वपूर्ण पोस्‍ट .....

नारी सिर्फ एक मादा देह नहीं | - नारी सिर्फ एक मादा देह नहीं , प्रकृति की सुन्दरतम रचना है | जैसे तुम हो पुतले हाड़ मास के बने हुए जीती , जागती , साँस लेती है ,वो भी बिलकुल तुम्हारी त... दरिंदगी - शरीर मैं नासूर सा इस समाज में जन्मा कैसा यह दरिंदा जिसने सारे नियम तोड़ सारी कायनात को शर्मसार कर दिया उसकी सबसे हसीन कृति को उसकी अस्मिता को निर्ल...दामिनी - अरुणा .... कौन कौन !!!- यह दामिनी है वह अरुणा थी तब भी एक शोर था आज भी शोर है ......... क्यूँ ? क्यूँ ? क्यूँ ? ............. शोर की ज़रूरत ही नहीं है नहीं है ज़रूरत कौन कब.कविता: कुछ फोटो ऐसे भीमैंने एक रचना सन 1981 में लिखी थी। मेरी ये इच्‍छा थी कि वो सम सामयिक होकर रह जाए.. लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। हमारी व्‍यवस्‍थाएं और हमारी सोच में इन 31 सालों से ज्‍यादा समय के बाद भी ऐसा परिवर्तन नहीं आ सका है कि ये रचना सम सामयिक होकर रह ओ देश के कर्णधारों ……अब तो जागो - कुम्भकर्णी नींद में सोने वालों अब तो जागो ओ देश के कर्णधारों ……अब तो जागो क्या देश की आधी आबादी से तुम्हें सरोकार नहीं क्या तुम्हारे घर में भी उनकी जगह नहीं ...

इन्सान बस एक ही डर से डरता है -- मौत का डर ! -दिल्ली में हुई बलात्कार की जघन्य घटना से न सिर्फ दिल्ली बल्कि पूरा हिंदुस्तान आक्रोश में भर गया है। सडकों पर , गलियों में , न्यायालय के सामने यहाँ तक कि र...मुझे जन्म चाहिए ? - तुम्ही बताओ क्या किसी को यहाँ जन्म लेना चाहिए दरिंदों की जमीन पर असुरक्षित हवाओं में घर की चाहार्द्वारी में कैद मुझे और कितना इंतज़ार करना चाहिए माँ के...फरमान - कुछ सपनों को तोड़ती-मोड़ती हूँ कुछ अपने-आप से ही बाते करती हूँ जिंदगी को बना के महबूब अपना महबूबा बन,रोज़ उस से मुलाकात करती हूँ | सूरज का आना और फिर छि...कहीं कमी हमारी शिक्षा और संस्कारों में तो नहीं !! - जिस तरह से महिलाओं और लड़कियों के साथ दुराचार की घटनाएं बढ़ रही है वो निश्चय ही चिंता की बात है ! आज वक्त आ गया है कि हम ये विचार करें कि हमारी शिक्षा में...

ये नशेमन.... - ये नशेमन, नशे से गुलज़ार है ये दुनिया नशे का बाज़ार है.... राम कौन हैं? रहीम रहते हैं कहाँ? मज़हब तो बस यहाँ कारोबार है.... नफ़रतों से बिस्मिल हुआ जो दिल ...एक बूंद इश्क- * * *होंठो की खामोशी ने पलकों के * *भीतर आँखों के कोर में * *एक बूंद इश्क बना दिया .....* *आँखों को ठंडक देते उस * *एक बूंद इश्क ने सब कुछ * *धुंधला सा कर ..." आओ तुम्हें ," मैं " प्यार सिखादूं , सिखला दो - ना " ...!!!!! -* "प्यार करना" सीख चुके,मेरे सभी मित्रों को मेरा सादर प्रणाम !! हिंदी सिनेमा का एक गीत था कि... ...दून्या मिखाइल : झूलने वाली कुर्सी - *दुन्या मिखाइल की इस कविता का मेरा अनुवाद भी लगभग दो साल पहले 'नई बात' ब्लॉग पर प्रकाशित हुआ था. * *झूलने वाली कुर्सी : दून्या मिखाइल * (अनुवाद : मनोज पटे...

ऑस्‍कर से 42वीं भारतीय फिल्‍म रिजेक्‍टेड -*-: वाईआरएन सर्विस :-* बॉक्‍स ऑफिस पर सौ करोड़ रुपए से अधिक कलेक्‍शन करने वाली एवं समीक्षकों के मुंह से वाह वाही लूटने वाली रणबीर कपूर एवं प्रियंका चोपड़ा...गलती स्वीकारने का वादा किया था, सो निभा रहा हूँ -23 नवम्बर 2009 को मैंने अपने इसी ब्लोग में एक पोस्ट लिखा था *"क्यों उछाल रही है मीडिया सन् 2012 को? ...." ।* उस पोस्ट में श्री प्रवीण शाह जी की टिप्पणी के...समाधान समस्याओं का,,, - नेता जी से - उनकी पत्नी ने पूछा - ? अजी, आखिर निरक्षरता, बेरोजगारी, व देश की अन्य समस्याये, पूर्ण रूपेण हल क्यों नही हो पाती, पहले तो नेता जी झुझलाये फिर आज़म का थप्पड़ अखिलेश सरकार को ? - यूपी के बहुचर्चित और विभिन्न कारणों से विवादों में रहने वाले चार में से एक मुख्यमंत्री और प्रभावशाली मंत्री आज़म खान पर पंजाब ...
...

टिहरी बाँध : इंजीनियरिंग कार्यकुशलता का अद्भुत नमूना ! - अगर आपके समक्ष ये प्रश्न करूँ कि टिहरी (Tehri) किस लिए मशहूर है तो शायद दो बातें एक साथ आपके मन में उभरें। एक तो सुंदरलाल बहुगुणा का टिहरी बाँध (Tehri Dam)...Bikaner- Beautiful Resorts एक विशाल शानदार रिजार्ट - राजस्थान यात्रा- बीकानेर- 1 दशनोक स्थित करणीमाता का चूहे वाला मन्दिर बीकानेर- 2 जूनागढ़ किला बीकानेर- 3 जूनागढ़ किले में चित्रकारी व शस्त्रागार संग्रहालय क...सत्यं......शिवं.....सुन्दरम्....... -कुछ इंसान भी बड़े अजीब होते हैं....! उनके किस्से तो.... उनसे भी अजीब होते हैं ! उनके लिए सत्य,शिव और सुन्दर... सब वही है....जो ये कहते हैं...! ये केवल...अम्मट ले निकल के चुर्रूक मा परगे -छत्तीसगढ़ी में यह मुहावरा (Phrase) हिन्दी के आसमान से गिरे खजूर में अटके (Falling from the sky stuck in palm) वाले मुहावरे के स्थान पर प्रयुक्त होता है. इ...

किताब - पुस्तकों का जीवन में बहुत महत्व है । जब भी किसी नए रचनाकार की पुस्तक से रुबरु होता हूँ तो यही सोचकर उसे उठा लेता हूँ कि आज एक नए व्यक्ति से मुलाकत हो रही...रामानुजन को भारत में सहायता - इस चिट्ठी में, रामानुजन को भारत में दी गयी, सहायता की चर्चा है। रामानुजन और हार्डी के जीवन से प्रेरित नाटक 'अ डिस्एपीयरिंग नम्बर' - चित्र विकिपीडिया से रामा...राष्ट्रीय गणित दिवस पर महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन को नमन - गणित के जादूगर - श्रीनिवास रामानुजन (22/12/1887 - 26/04/1920) महज 32 साल की उम्र में दुनिया से विदा हो गए रामानुजन, लेकिन इस कम समय में भी वह गणित में ऐस...टूटा स्वप्न - सुख भला अच्छा लगता है जब सोया दुख जगता है भले ही क्षणिक हो यह अंतरण जबकि अंधकार विलगता है और प्रकाश हमारे रास्ते को प्रशस्त करता है हमारे आसपास, देश दुनिया म...


और बाल कट गये - पिछले शनिवार को बाल कटाने गये, एक नियत दुकान है, वहीं पर ही जाकर कटाते हैं। प्रारम्भ में एक दो बार जाने से परिचय हो गया, कैसे बाल कटाने से चेहरा अच्छा दि...मेरा फलसफा और मेरा इम्तिहान - कल अपराह्न, मोबाइल की घण्टी से झपकी खुली। उन्होंने न तो अपना नाम बताया और न ही शहर का। मेरी, कलवाली पोस्ट का हवाला देते हुए बोले - ‘आपकी बातें सच कम और नस...जीवमाँस का भक्षण छोड़ो, शाकाहारी बन जाओ - जन्म लिया है मानव का तो, मानवता भी दिखलाओ। जीवमाँस का भक्षण छोड़ो, शाकाहारी बन जाओ॥ भोलेपन से विचरण करते, जीवों को खा जाते हो। बिन माँगे ही चंडालों की, पदव...ज़िंदगी जीती रहूँ मैं उधार की - ज़िंदगी जीती रहूँ मैं उधार की जब तक मिले साँसे तुम्हारे प्यार की, हांथों की इन लकीर मे तेरा, ही नाम है उस नाम संग जीना मेरा बस काम है आशाओं मे जीती हू...‘पंकिल’ - मेरे बाबूजी... -हिमांशु कुमार पाण्डेय जी के ब्लॉग *सच्चा शरणम्* से ठाकुर रविन्द्रनाथ टैगोर रचित गीतांजली के एक गीत का भावानुवाद जो किया है उनके बाबूजी यानि *श्री प्रेमनारा...




आज के लिए बस इतना ही .. मिलते हैं एक ब्रेक के बाद .....




शनिवार, 22 दिसंबर 2012

सभी ब्‍लोगरों से एक अपील .. ब्‍लॉग4वार्ता .. संगीता पुरी

आप सबों को संगीता पुरी का नमस्‍कार, शांतिपूर्ण ढंग से 21 दिसंबर 2012 का दिन व्‍यतीत हुआ , प्रलय की भविष्यवाणी के कारण पूरी दुनिया को इस विशिष्‍ट दिन का इंतजार था। पर लोगों के लिए यह दिन सामान्‍य रहा, हां कारोबारियों को जितना कमाना था उन्‍होने कमा लिया । वैसे अंतरिक्ष में लाखों ऐसे आवारा पिंड घूम रहे हैं, जो पृथ्वी से टकराने पर प्रलय न सही, कहर तो ला ही सकते हैं। एक ऐसा ही पिंड आगामी 15-16 फ़रवरी को पृथ्वी के बहुत ही पास से गुज़रने वाला है , जिसे खगोल वैज्ञानिक "2012 DA14" कह रहे हैं। अनुमान है कि वह क़रीब 45 मीटर मोटाई वाली किसी चट्टान के समान एक क्षुद्रग्रह (एस्टेरॉइड) है। पृथ्वी के पास से गुज़रते समय उसकी निकटतम दूरी 20 हज़ार किलोमीटर के आस-पास होगी। उस समय यूरोप और अमेरिका में 15 फ़रवरी 2013 का दिन चल रहा होगा, जबकि भारत में घड़ियाँ 15 और 16 फ़रवरी के बीच वाली मध्यरात्रि में एक बजने में चार मिनट कम दिखा रही होंगी। उम्‍मीद है , वो दिन भी वैसे ही व्‍यतीत होगा , जैसा कल का दिन व्‍यतीत हो गया। अब चलते हैं आज की वार्ता की ओर ......

सरस्वती वंदना - सरस्वती वंदना मां शारदे, वीणाधारी ,हे श्वेत कमल आसिनी , हे ज्ञान की देवी, श्वेत पुष्प अभिलाषिनी, संसार के मानस हो गए धूसरि...साम्भर झील और शाकुम्भरी माता -इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें। 24 नवम्बर 2012 को रात होने तक मैं साइकिल चलाकर पुष्कर से साम्भर झील पहुंच गया। अगले दिन जब पूछत...राधा की अन्तरपीड़ा -महाभारत के युद्धोपरांत कृष्ण मथुरा वृन्दावन का रास्ता छोड़कर द्वारका का लम्बा रास्ता चुना राधा के वियोग-आंसुओं की याद नहीं आई.... कृष्ण चाहते तो मथुरा-वृंदा...प्रकृति का लोकाचार और हम -*चन्द्रिका प्रसाद चन्द्र* विश्व भर के साहित्य में सूर्य के उदय और अस्त होने की बातें कही गई हैं, जबकि यह सच नहीं है। चंद्रमा-तारे-नीहारिकाएं और पृथ्वी भी अ...सभी ब्लॉगरों से एक अपील - आज शीत अयनांत है। उत्तरी गोलार्द्ध में आज सूर्य अपने दक्षिणी झुकाव के चरम पर होगा। यह वार्षिक घटना जीवन प्रतीक ऊष्मा का नया सन्देश ले कर आती है – अब दिन ...


कर लेते हजार बहाने ... - * **सिमटती* ***गयीं दूरियां ,..* *फासले बढ़ते गए,* *दिलों के ....* *शीशा चिपका है संगदिल * *दीवारों से, **दिल भरोसे से..**|* *टूटे कांच ,बदलने का रिवाज* *का...नाव के छोटे-छोटे छेद - पिघलता हिमालय है किन्तु बाढ़ मैदानों में आती है। बचाव के उपाय मैदानों में रहनेवालों को ही करने पड़ेंगे। उन्हीं भवनों के शिखर अविचल रहते हैं जिनकी नींव मजब...खुश नसीब - वो जो दिल के करीब है वो कहाँ ? खुश नसीब है दूर रहकर भी जो जुबा पर रहे हम तो लिपटे रहे उघडे हुए वस्त्रों की तरह प्रयुक्त हुए जंग में जंग के अस्त्रों की ...हम ग़रीब मुल्क़ वाले - हम एक ग़रीब मुल्क़ के वासी हैं ''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''' हमारे पास दुनिया का सबसे वज़नदार संविधान है। यहाँ नारिय...साक्ष्य है होमोसैपिअन के वहशीपन का - एक वीभत्स सामाजिक रोग है बलात्कार .वास्तव में तो एक लाइलाज बीमारी है जिसकी शुरुआत कन्या भ्रूण के माँ की कोख में आते ही शुरू हो जाती है .शिक्षा हो या सेहत...



पूर्णता और सम्पूर्णता -स्त्री और पुरुष एक दुसरे के बगैर अधूरे हैं। विवाह अथवा प्रेम पूर्णता लाता है , लेकिन 'सम्पूर्णता' नहीं! एक पुरुष के जीवन में उसकी पत्नी के अतिरिक्त उसके...हम मनुष्य हैं अभी ! - शुक्र है अभी कच्चा नहीं निगलते हम मानव-शरीर मसलते हैं मांसल देह खरोंचते हैं नाखूनों से चबाते नहीं हड्डियाँ पीते नहीं रक्त भागकर छुप जाते हैं, इस पहचान से ...काँची... - दिल्ली की घटना से स्तब्ध मैं और मेरे सहयोगी आपस में बात कर रहे थे| बात करते -करते ही अचानक मैंने कहा कि महिलाओं की भी क्या जिंदगी है, जितनी महिलाएं उत...जहाँ नारी का अपमान होता है.... - जहाँ नारी का होता है अपमान जैसे क्रूस पर चढ़ा हो कोई मसीहा औरों के लिए.. माथे पर काँटों का मुकुट धारे जिससे टपकती हो रक्त की धारा हाथों-पैरों में चु...


बॉलीवुड रिपोर्ट बनाम बॉक्‍स ऑफिस 2012 -इंडिया में दो चीजें बेहद पापुलर हैं एक क्रिकेट और दूसरा मूवीज। दोनों को देखने के लिए भारतीय दर्शक उतावले रहते हैं। सलमान ख़ान की दबंग 2 के साथ बॉलीवुड 201...हंसा , उड़ चल न ... - उड़ - उड़ कर , बहुत छान लिया हमने कई , अम्बर - भूतल कितने पंख , गिर गये हमारे अबतक , तिल- तिल कर जल अंगारों पर ही , चल रहा है बंदी -सा , हर छिन - पल क्यों ...न+इति - चोर, उचक्के, लम्पट, लफंगे, बाहुबली, लुटेरे या समाजकंटक हर युग में रहे हैं; उनका अपना इतिहास है, लेकिन पहले समय में सज्जन, ईमानदार व चरित्रवान लोगों का प्र...रमई पाट में गर्भवती सीता ........ ललित शर्मा - पुजारी प्रेम सिंह एवं यायावर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगभग 84 किलो मीटर दक्षिण-पूर्व दिशा में 20.57,06.28" उत्तर एवं 82.07,51.56" पूर्व में फ़िंगे...उसे कल रात मालुम हुआ की वो सड़क पर है - *इंतजार करना * किसी जगह के इतना करीब आ जाना कि जिससे बाहर निकलना खुद के वश से भी बाहर हो जाये। उस अजनबी स्थान के जैसा जो अपने साथ कई छवियों की गुंजाइशे...



छत्‍तीसगढ़ी गज़ल संग्रह ‘मोर गज़ल के उड़त परेवा’ : (II)- पिछले पोस्‍ट का शेष .. नवोदित राज्‍य छत्‍तीसगढ़ में तेजी से हो रहे विकास की आड़ में मानवता विनाश की ओर अग्रसर होती जा रही है। बढ़ते औद्यौगीकरण के कारण...जीवन चदरिया...संध्या शर्मा -*मन मेरा कह रहा है* *एक जीवन चदरिया बुनूं* *बुन सकूंगी क्या इसे??* *जितना सोचा था आसान* *उतना ही कठिन लग रहा है* *कैसे डालूं ताना-बाना* *एक - दो कि सारे धागे...एक गीत नववर्ष के आगमन पर -खूंटियों पर टंगे कैलेण्डर नये हैं - चित्र -गूगल से साभार नया वर्ष शांति और समृद्धि लाए ,भ्रष्टाचार और अत्याचार मिटाए | मित्रों इस गीत के बाद मुझे गाँव जाना है |मेरी वापसी दो या तीन जनवरी को ह...क्योंकि तख्ता पलट यूँ ही नहीं हुआ करते ........... -अब सिर्फ लिखने के लिए नहीं लिखना चाहती थक चुकी हूँ वो ही शब्दों के उलटफेर से भावनाओं के टकराव से मनोभावों का क्या है रोज बदलते हैं और एक नयी परिभाषा गठित..

मिलते हैं एक ब्रेक के बाद .......




शुक्रवार, 21 दिसंबर 2012

मोदी फिर हैट्रिक की ओर ... ब्‍लॉग4वार्ता .. संगीता पुरी

संगीता पुरी का नमस्‍कार , 21 दिसंबर 2012 का प्रवेश हो चुका है , अभी तक कहीं प्रलय की कोई सूचना नहीं , भूकम्‍प के मामूली झटके की सूचना मिली है । गुजरात में नरेन्‍द्र मोदी के हैट्रिक के मौके पर लोग खुशी मना रहे हैं। बहुत सारे ब्‍लोगरों ने भी इस मौके पर अपने भाव व्‍यक्‍त किए हैं , इस पोस्‍ट के माध्‍यम से आपको लिए चलते हैं उस ओर ......


गुजरात की जनता ने एक बार फिर नरेन्द्र मोदी के हाथों में गुजरात की बागडोर सौंप दी हैं। इस बार भी भारी बहुमत के साथ नरेन्द्र मोदी सत्तारुढ़ हुए हैं। ये अलग बात हैं कि इस भारी जीत को उनके विरोधी पचा नहीं रहे हैं, और फिर धर्मनिरपेक्षता की दुहाई देते हुए, उन्हें धर्मनिरपेक्ष बताने से इनकार कर रहे हैं। इसकी शुरुआत, बिहार से ही हुई हैं। मोदी से ही जीत है.... बिन मोदी के हार..... बीजेपी के सभी दिग्गजों को ये अहसास हो गया होगा.....हिमाचल में सबकुछ था, विकास की ताबीर थी, भ्रष्टाचार और महंगाई पर कांग्रेस को घेरने का मुद्दा था... नहीं था तो मोदी जैसा कोई चेहरा....जो पार्टी को जीत के रास्ते पर लेकर जाता....अपनी पहली बुक 'द व्‍हाइट टाइगर' से धूम मचाने देने वाले अरविंद अडिगा को अगर अपनी दूसरी बुक लिखने का मन करे तो वो नरेंद्र मोदी पर लिख सकते हैं, क्‍यूंकि नरेंद्र मोदी भी 'अरविंद अडिगा' की किताब 'द व्‍हाइट टाइगर' के किरदार की तरह काफी उतार चढ़ावों से गुजरते हुए गुजरात की सत्‍ता पर विराजमान हुए हैं। नरेंद्र मोदी का जन्‍म उत्‍तर गुजरात में पड़तते वडनगर कस्‍बे के एक मध्‍य वर्गीय परिवार में हुआ। 

जैसा की गुजरात चुनाव के नतीजे आज आ गए और नरेंद्र मोदी पुनः बहुमत के साथ गुजरात की सत्ता पर काबिज होने जा रहे हैं। हालांकि ये बात लगभग तय थी की नरेंद्र मोदी की सरकार गुजरात मे दोबारा आने वाली है , अब गुजरात चुनावों के फैसले के बाद कई बातें निकलकर सामने आई है । सबसे स्वाभाविक बात ये है की नरेंद्र मोदी ने खुद को भाजपा के प्रधानमंत्री पद के प्रबल दावेदार के रूप मे स्थापित कर लिया है । गुजरात में नरेंद्र मोदी ने जीत की हैट्रिक लगा दी है। यह मोदी की लगातार तीसरी और भाजपा की लगातार पांचवीं जीत है। तय मानिए यह जीत गुजरात का विकास और नरेंद्र मोदी के हिंदुत्व की है। यह जीत नरेंद्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री बनाने के लिए जीत है। 182 सीट वाले गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 115 सीटों पर जीत दर्ज कर एक बार फिर इतिहास रच दिया है। यह वाकई नरेंद्र मोदी की महाविजय है और इस महाविजय के कई मायने हैं।मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में सत्ता की हैट्रिक लगाने का श्रेय प्रदेश की जनता और देश का भला चाहने वाले हर नागरिक को दिया। उन्होंने कहा कि आज की जीत का हीरो उनकी छह करोड़ गुजराती जनता है जिसने परिपक्वता दिखाते हुए झूठ के माहौल के बीच सत्य को खोज निकाला और एक बार फिर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनाई। 

मोदी का कद भाजपा में लगातार बढ़ रहा हैहाल के वर्षों में भारत की राजनीति में नरेंद्र मोदी जैसे चंद राजनेता ही नजर आते हैं जिन्होंने जनमत को इतना प्रभावित और धुव्रीकृत किया है.ये जुमला नरेंद्र मोदी पर बिल्कुल सही बैठता है कि आप उन्हें प्यार करें या नफरत करें, लेकिन अनदेखा नहीं कर सकते. भले ही मोदी के दामन पर 2002 के दंगों के दाग हों, लेकिन दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी में उन्हें प्रधानमंत्री पद का सबसे प्रबल दावेदार भी माना जा रहा है.जैसा कि सबको पता था, आपको हमको, और पूरे हिंदुस्तान को। हुआ वही। गुजरात में मोदी मैदान मार गए। पता तो अशोक गहलोत को भी था। सोनिया गांधी को और राहुल गांधी को भी। लेकिन फिर भी सारे के सारे गुजरात गए। बहुत सारे नेताओं को भी साथ ले गए। पता था कि हारेंगे। बुरी तरह हारेंगे। फिर भी गए। जाना पड़ता है। नहीं जाते, तो लड़ने से पहले ही हार जाते।








अब वार्ता को देते हैं विराम .. मिलते हैं एक ब्रेक के बाद .......

गुरुवार, 20 दिसंबर 2012

यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते ......?... ब्लॉग 4 वार्ता... संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार.... आज के दिन भी ब्लॉग जगत में दिल्ली की घटना पर दुःख, आक्रोश ही दिखाई दिया, जो बहुत सी रचनाओं में साफ दिखाई दे रहा है. लोगो की सोच मानसिकता, नजरिया क्यों नहीं बदलता??? क्यों उनके लिए कोई भी रिश्ता हवस के सामने मायने नहीं रखता...??? ओह... पता नहीं कब बदलेगा ये इंसान जो इंसान कहलाने लायक भी नहीं रह गया... आइये अब चलते हैं आज की वार्ता पर.......

 



क्योंकि........ हूँ बलात्कारियों के साथ तब तक - हम थोथे चने हैं सिर्फ शोर मचाना जानते हैं एक घटना का घटित होना और हमारी कलमों का उठना दो शब्द कहकर इतिश्री कर लेना भला इससे ज्यादा कुछ करते हैं कभी ....अराजकता का जिम्मेदार कौन ? - ** जब से दिल्ली में चलती बस में बलात्कार की वारदात हुई है,संसद से लेकर सड़क पर खूब उबाल दिख रहा है। सड़क पर तो आम आदमी इस तरह के वाकयों के बार-बार होने से...'पुरुष' होने का दंभ - बलात्कार जैसी घटनाओं के लिए पुरुषों में 'पुरुष' होने का दंभ भी एक कारण है। पुरुषों को बचपन से यह ही यह अहसास दिलाया जाता है कि वह पुरुष होने के कारण महिला... 

खुशियाँ मनाइये कि मेरा रेप नहीं हुआ!!! पापा, आप खुशियाँ मनाइये* *** *एक उत्सव सा माहौल सजा*** *कि आपने मुझे खत्म करवा दिया था*** भ्रूण मे ही मेरी माँ के वरना शायद आज मैं... प्रस्तार कहाँ से लाऊँ ... - आज फिर चली जा रही हूँ ... बढ़ी जा रही हूँ ..... आस से संत्रास तक ..... खिँची खिँची ... नदिया किनारे .... कुछ यक्ष प्रश्न लिए ... डूबता हुआ सूरज देखने ....ऐसी जिन्दगी तो चाही नहीं थी मैनें .....? - *साँसों का बंधन /* दिल की कराहें / काँटों का बिछौना / *ऐसी जिन्दगी तो चाही नहीं थी मैनें .....?* आँखों का रोना / दिल का तडपना / रातो को जगना / *ऐसी जिन..

लौट आओ कि अब वतन मुश्किल मे है - राम प्रसाद बिस्मिल भारतीय स्वाधीनता संग्राम में काकोरी कांड एक ऐसी घटना है जिसने अंग्रेजों की नींव झकझोर कर रख दी थी। अंग्रेजों ने आजादी के दीवानों द्वारा ...बलात्कारियों के खिलाफ कड़े कानून कब बनेंगे !! - देश में बलात्कार की घटनाओं लगातार वृद्धि दर्ज हो रही है अगर आधिकारिक आंकड़ों की ही बात करें तो एक साल में पुरे देश में लगभग पच्चीस हजार महिलाओं ,लड़कियों ... बलात्कार दो प्रकार का होता है --घोषित और पोषित जिसमें शोषित तो हमेशा स्त्री ही होती है - "बलात्कार दो प्रकार का होता है --घोषित और पोषित जिसमें शोषित तो हमेशा स्त्री ही होती है . घोषित बलात्कार के विषय में सभी जानते है पर बारीकी से नहीं . घोषि...

 " बलात्कार का "इलाज ",फांसी या सेक्स-शिक्षा."...?????? - * सभी " समझदार " मित्रों को मेरा नमस्कार !!* * कल संसद में देश के समझदार सांसदों ने एक बलात्कार की घटना की निंदा कर,और दोष..आतंकवादियों का सम्मान करना कोई कांग्रेसियों से सीखे - दिग्विजय जी आतंकवादी ओसामा को 'जी' कहकर संबोधित करते हैं तो श्रीमान शिंदे जी आतंकवादी हाफ़िज़ सईद को 'श्री' कहकर सम्मान देते हैं ! -----------------------...शीला और सोनिया रहतीं दोनों दिल्ली में , - माँ बहन बेटी कोई भी सुरक्षित नहीं है इस व्यवस्था में . युवा संस्थाएं तो इस दरमियान बहुत बनी हैं लेकिन सब की सब वोट बटोरने के लिए ,मौज मस्ती के लिए ....

 कन्या भ्रूण हत्या मजबूरी है !!!:( - (अपवाद होते हैं) - सिसकियों ने मेरा जीना दूभर कर दिया है माँ रेsssssssssssssss ............ मैं सो नहीं पाती आखों के आगे आती है वह लड़की जिसके चेहरे पर थी एक दो दिन में ... . महिलायें कहीं भी सुरक्षित नहीं..........? - *हरेश कुमार* * * * * देश की राजधानी, दिल्ली में आए दिन महिलाओं के खिलाफ अपराधों में बढ़ोतरी होती जा रही है और ऐसा तब है जब यहां महिलायें जिंदगी के हर क्षे..किस मानव के लिए ये अधिकार - चिन्तामणि मिश्र अभी पिछ¶े सप्ताह देश भर में मानव अधिकार दिवस पर कई कार्यकम हुए। सा¶ का एक दिन मानव अधिकार का कीर्तन करने के ¶िए निर्धारित है। इस दिन गोष...

यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते ......? - दिल्ली में एक छात्रा के साथ हुए अपराध के बारे में बहुत कुछ कहा सुना जायेगा और कुछ समय बाद इस घटना को भूलकर हम फिर से अपने...   दर्द दे गया...... - * **हमदर्द है जमाना कि दर्द दे गया,* *कुछ ख्वाब थे अधूरे, कुछ और दे गया-* * **किस्तों में है चुकानी हर बार जिंदगी,* *निभा रहे थे फर्ज क...क्या बुराई थी उसमें ? (आज जो भी लिख रही हूँ, शायद उसका ओर-छोर आपको समझ ना आये, क्योंकि मन बहुत विचलित है।) क्या बुराई थी उसमें ? डॉक्टर बन रही थी वो ...बन जाती तो न जाने कितनों को मौत के मुंह से निकाल लाती वो। लेकिन दुराचारियों ने उसे ही मौत के मुंह में धकेल दिया !! कितने अरमान से, कितने परिश्रम से वो यहाँ तक पहुंची होगी। कितनी तपस्या की होगी उसने और उसके परिजनों ने। लेकिन कुछ ही मिनटों में सब कुछ स्वाहा हो गया. 

" कल हो न हो..........." दिनांक २१.१२.१२ को दुनिया खत्म हो जायेगी | कोई पिंड हमारी धरती से टकराएगा और हम खंड खंड हो बिखर जायेंगे | ऐसी भविष्यवाणी की गई है | कहते हैं 'माया कलेंडर' में २१.१२.१२ के बाद की तिथि ही अंकित नहीं है | ऐसा हो या न हो ,कौन जानता है परन्तु जब कभी भी अंत होगा तो ऐसे ही होगा. शुक्र है... नज़र अंदाज़ कर देते हैं हम छेड़छाड़ दहलते हैं दरिंदगी पर शुक्र है... अभी हमें गुस्सा भी आता है! देख लेते हैं आइटम साँग बच्चों के साथ बैठकर नहीं देख पाते ब्लू फिल्म शुक्र है... अभी हमें शर्म भी आती है! करते हैं भ्रूण हत्या बेटे की चाहत में अच्छी लगती है दहेज की रकम बहू को मानते हैं लक्ष्मी बेटियों का करते हैं कंगाल होकर भी दान शुक्र है... |मैं कद्र करती हूँ एक ऐसा इंसान जो सच के लिये जीता हो... त्याग, सदभावना में विश्वास हो.. मैं भी एक ऐसे इंसान को जानती हूँ सच में ऐसे लोग बहुत कम होते हैं.. कुछ पंक्तियाँ मेरी तरफ से.. वो आत्मविश्वास जिससे खुद आगे बढ़ते जाये तलाश ले मंज़िल उन हौसलों की जो अत्यधिक अटूट हैं मैं कद्र करती हूँ ।...
Alok Khareजी ने ब्लॉग 4 वार्ता पर लिखा है, "आज जब पूरा देश एक बेटी, बहिन की हुयी दुर्दशा पर आहत है! लोग बाग़ आज ये सोचने लगे हैं की बेटी का बाप होना या भाई होना कोई पाप तो नही है!

बस उसी को समर्पित ये कविता समर्पित ..

दादा दादी, नाना नानी,
सबकी राजदुलारी बिटिया

मम्मी पापा , चाचा चाची
के आँखों कि ज्योति बिटिया

मामा बन हुआ बाबरा मन
गोद लिए घूमू इस उपबन

जब चहक उठती किलकारी इसकी
घर -आँगन कि खिलती बगिया

झूम उठता मन मयूर हे मेरा
मैं हूँ मामा, ये मेरी बिटिया

माँ माँ से बनता मामा है
जुग जुग जिए ये रानी बिटिया

दादा दादी, नाना नानी,
सबकी राजदुलारी बिटिया......"

...

 
आज के लिए इतना ही, इजाज़त दीजिये नमस्कार...

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