शुक्रवार, 20 जनवरी 2012

बंद करो वार्ता फ़ार्ता जे का लगा रक्खा है जे कोई वार्ता है बताओ भला ..?काहे टिपियाएं इस पे ?



हिन्दी ब्लागिंग के इतिहास में जो भी कुछ जुड़ रहा है उसमें परस्पर प्रतिस्पर्धा एवम  खोमचे बाज़ी हेडर से एक अध्याय और जोड़ लेना चाहिये इसके लिये आपको अधिक सोचने समझने की ज़रूरत नहीं होगी.
मदिरा का नशा... था हमको तब याद आया कि   अंडमान में बन्दर नहीं पाए जाते...  इत्ते टुन्न थे कि स्त्री मुक्ति को नया अर्थ  सोचने लगे तभी याद आया कि उस पार ही तेरा खाता है....तभी दिमाग ने   पुनःनिर्देशित किया कि  सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर विचार करलें तभी एक बाबा याद आया जिससे हम बोले थे कि  "मिलने आना तुम बाबा"   एक पत्ता खड़का कि हम मारे डर के  हनुमान चालीसा और  हनुमान लीला –  बांचने लगे तभी एक अखबार में जिसमें चखना लाए थे एक खबर पढ़ी कि  लायंस क्लब ने किया पौधरोपण  किया वो पौधा जब ऊगेगा तब उसे बकरी खा जाएगी. यह कैसा पथ ......समझाने.. योगनंद की कथा – का पाठन किया तब याद आया कि अरे बिटिया को सुलाने गई होगी कोई मां पर लोरी गाने लगा सोचता रहा दूर कालेज में पढ़ रही मेरी बिटिया एक ये आवाज़ जाएगी और सुन कर   परी मेरी अब सोयेगी -  अरे हां यही तो सोचता हूं अक्सर " बच्चों से अपेक्षा से पहले बच्चों की अपेक्षाएं .... हम क्यों नहीं समझ पाते  क्यों हम  अतीत हमें वर्तमान में जीने नहीं देता यही तो कृष्ण लीला ........ है.. जिसे हम जी रहे हैं वो ज़िंदगी कोई मुफ़त का माल थोड़े न है जिसे  एक्टर-मॉडल-देव कुम्हार  जीवंत कर देता है अभिनेता जो है.. न ही पहले और अब के कवि ... 
हे देव..... किसी ने खद्योत सम: नही लिखा…. ज़माना ख़ुद सही होता, तो बदल जाते हम. वैसे सारे बदने जोग तो हैं ही यही है भारतीयों के सम्बन्ध में कुछ रोचक तथ्य  - सबके पास विचारों के  बिखरे मोती हैं सब
रेत के महल बनाना जानते हैं  सब  ... एक तू क्या है ? एक तू क्या है ? की रट लगाएं हैं.  फ़िर भी
 आशा अभी बाकी है – क्योंकि भगवान की  अदभुत शिल्पकारी ​  शुक्र है शुक्रवार है......... वरना क्या ? कुछ नहीं कोई और वार होता अरे हां भारत एक गलत फ़हमी का शिकार है भरम के
   पाबला साहब ने बताया कि आज़ कौन कौन से ब्लाग अखबारों में छपे है 
अजब शहर में एक योगी: जनसत्ता में ‘अरविंद दास’
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न्यू मीडिया के खिलाफ क्यों: आज समाज में ‘तीसरा रास्ता’
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  नोट :-"वार्ता में लिखी गई बक़वास से लिंक्स का कोई लेना देना नहीं.. बस सुधि जनों तक वार्ता पहुंचाने की कोशिश मात्र है.. " 

सादर निवेदन के साथ कि टिप्पणी करें न करें मेरी पसंद के लिंक्स अवश्य देख आएं 
       आपका "गिरीश बिल्लोरे मुकुल" मिसफ़िट ब्लागर 

8 टिप्पणियाँ:

वार्ता का यह अंदाज अच्छा है |आपके कथनानुसार बकवास हो सकती है पर उसमें भी सार है |
मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
आशा

वार्ता का बढिया अंदाज ..
अच्‍छे अच्‍छे लिंक्‍स मिले ..
आभार !!

बढ़िया वार्ता... अच्छे लिंक्स... आभार...

काहे गरियाते हो भाई, येलो टिपिया रहे हैं, सुंदर वार्ता बतला रहे हैं। :)

देश बिदेश के ब्लागर भाईयों को अभिवादन
जे अपुन का श्टाइल असल में केवल लिंक भेजना था
लिखी गई वार्ता दमदार हैडर पे लटका दिया अपुन ने
गुस्सा कोई से नाय हैं भाइ

काय भइया जे का कह रए हो काय नई टिपियायें... रामधई बड़ी नोनी सी वार्ता लगा दई है...बिल्कुलई जबलैपुर से आई लग रई है ... आभार

इतने सारे लिंक्स वो भी एक अंदाज़ के साथ ....क्या बात है ..
एक प्रबुद्ध वर्ग का हिस्सा बनने की इच्छा किस ज्ञानार्थी को नहीं होगी, यहाँ अपना पता छोड़े जा रहा हूँ ...आशा है इस बूंद को भी सागर में समाहित होने का मौका मिलेगा ...
http://pradeep-splendor.blogspot.com/

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